संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शिवराज की छुट्टी - भाजपा में बड़े बदलाव का संकेत

Nitin Gadkari and Shivrajs leave from Parliamentary Board - a sign of big change in BJP
संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शिवराज की छुट्टी - भाजपा में बड़े बदलाव का संकेत
नई दिल्ली संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शिवराज की छुट्टी - भाजपा में बड़े बदलाव का संकेत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी में फैसला लेने वाली सबसे ताकतवर और सर्वोच्च संस्था भाजपा संसदीय बोर्ड और चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने वाली ताकतवर केंद्रीय चुनाव समिति के नए सदस्यों के नाम की घोषणा कर ही दी। लेकिन नड्डा की इस लिस्ट ने सबको चौंका दिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड के साथ ही केंद्रीय चुनाव समिति से भी बाहर कर सबको चौंका दिया है।

आपको बता दें कि गडकरी और शिवराज संसदीय बोर्ड के सदस्य होने के नाते केंद्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य थे और इसलिए बोर्ड से छुट्टी होने के साथ ही दोनों नेता चुनाव समिति से भी बाहर हो गए हैं।  महाराष्ट्र के नागपुर से लोक सभा सांसद नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति, दोनों से बाहर करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नागपुर से ही राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले नागपुर साउथ वेस्ट से विधायक एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल कर उनका कद बढ़ा दिया है। दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय नागपुर में ही है एवं गडकरी और फडणवीस दोनों ही संघ के बहुत करीबी नेता माने जाते हैं। ऐसे में भाजपा आलाकमान का यह फैसला लोगों को काफी चौंका रहा है और इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

गडकरी को मोदी सरकार का टॉप परफॉर्मर मंत्री माना जाता है और सरकार के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों के दिग्गज नेता एवं सांसद खुलकर संसद के अंदर और बाहर गडकरी के कामकाज की तारीफ करते नजर आते हैं। भाजपा शासित राज्यों के अलावा विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री भी सार्वजनिक रूप से कई बार गडकरी की तारीफ कर चुके हैं। गडकरी संघ के करीबी नेता हैं और एक जमाने में संघ ने ही उन्हें नागपुर से भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर दिल्ली भेजा था ताकि गडकरी भाजपा को जकड़ कर बैठे दिल्ली गुट के नेताओं से मुक्त कर पार्टी को हार से उबार कर जीत की राह पर लाए और गडकरी ने बहुत हद तक ऐसा किया भी।

हालांकि भाजपा के सूत्र इस बदलाव को विविधता और पार्टी की सांगठनिक ताकत का प्रतीक बताते हुए यह दावा कर रहे हैं कि पार्टी द्वारा गठित नया संसदीय बोर्ड यह दिखाता की पार्टी अपने पुराने कार्यकतार्ओं को कैसे पुरुस्कृत करती है और उनके अनुभव का सम्मान करती है।  भाजपा के एक नेता ने कहा कि बी एस येदियुरप्पा , सत्यनारायण जटिया और के. लक्ष्मण जैसे कार्यकतार्ओं ने पार्टी को अपना जीवन समर्पित कर दिया, पार्टी के विस्तार में शुरू से ईंट-पत्थर के तौर पर नींव का काम किया है। सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में इन नेताओं का आना इस बात को दिखाता है कि पार्टी अपने सम्मानित कार्यकतार्ओं को कैसे महत्व देती है।

नए संसदीय बोर्ड को विविधता पर जोर देने का प्रतीक बताते हुए भाजपा नेता ने यह भी कहा कि संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए सबार्नंद सोनोवाल पूर्वोत्तर भारत से और बी एस येदियुरप्पा एवं के. लक्ष्मण दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं। इकबाल सिंह लालपुरा सिख हैं। अपनी मेहनत के बल पर नेता बनी सुधा यादव के पति कारगिल में शहीद हो गए थे और उनको संसदीय बोर्ड में शामिल करना महिलाओं और सशस्त्र बलों के परिवारों के प्रति सर्वोच्च सम्मान की भाजपा की भावना को दर्शाता है। आपको बता दें कि,भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन करते हुए इनके नए सदस्यों के नाम की घोषणा कर दी है।

पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते जेपी नड्डा 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बी एस येदियुरप्पा, सबार्नंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव और सत्यनारायण जटिया को सदस्य के तौर पर संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव के तौर पर शामिल हैं। संसदीय बोर्ड के साथ ही नड्डा ने चुनावों में टिकट बंटवारे पर मुहर लगाने वाले केंद्रीय चुनाव समिति का भी पुनर्गठन कर दिया है। पार्टी की 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में भी नड्डा अध्यक्ष के तौर पर रहेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सबार्नंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेन्द्र यादव, देवेन्द्र फडणवीस, ओम माथुर, और वनथी श्रीनिवासन(पदेन) को इसमें सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष चुनाव समिति में भी सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   18 Aug 2022 12:00 AM IST

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