बैंक को चूना लगाने वालों के लिए मोदी सरकार की मुख्य योजना है,लूटो और भागो

Modi governments main plan for those who cheat the bank is loot and run
बैंक को चूना लगाने वालों के लिए मोदी सरकार की मुख्य योजना है,लूटो और भागो
कांग्रेस का हमला बैंक को चूना लगाने वालों के लिए मोदी सरकार की मुख्य योजना है,लूटो और भागो

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने ऋषि अग्रवाल और अन्य के मालिकाना हक वाली गुजरात स्थित एबीजी शिपयार्ड द्वारा कथित रूप से 28 कंपनियों को चूना लगाये जाने के लिए रविवार को केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने चंडीगढ़ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले 75 साल में भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी मोदी सरकार की निगरानी में हुई है। सात साल में 5,35,000 करोड़ करोड़ की बैंक धोखाधड़ी ने बैंकिंग प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच में देर मोदी सरकार में शीर्ष पदों पर आसीन लोगों की सांठगांठ और आपसी मिलीभगत के सबूत हैं।

सूरजेवाला ने कहा कि गत 75 साल में पहली बार 22,842 करोड़ रुपये की बैंक धाखोधड़ी का मामला सामने आया है। पांच साल तक टालमटोल करके जनता के धन को दिनदहाड़े गबन करने की छूट देने के बाद आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में सात फरवरी को एफआरआई दर्ज किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वालों के लिए लूटो औैर भागो योजना चला रही है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों की सूची में नीरव मोदी यानी छोटा मोदी, मेहुल चोस्की, नीशल मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या, जतिन मेहता, चेतन संदेसरा, नितिन संदेसरा और अन्य क ई नाम हैं, जिनका सत्तारुढ़ पार्टी के साथ करीबी रिश्ता रहा है। ऋषि अग्रवाल और अन्य लोग शहंशाह के नये रत्न हैं।

कांग्रेस ने सीबीआई द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देर पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने अपने बयान में कहा है, आठ नवंबर 2019 को एसबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के ऋषि अग्रवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सीबीआई में अपनी शिकायत दी। इस धोखाधड़ी और जनता के पैसे के गबन के बावजूद सीबीआई,एसबीआई और मोदी सरकार ने पूरे मामले को लालफीताशाही और आपसी टकराव में उलझा दिया।

ये कई साल तक होता रहा और जनता का धन नाली में बहता रहा और धोखेबाज लाभ उठाते रहे। कांग्रेस ने कहा,एक और मजेदार तथ्य यह है कि कैग की रिपोर्ट के बावजूद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गुजरात के दहेज में एबीजी शिपयार्ड को 50 हेक्टेयर भूमि आवंटित की। दहेज परियोजना को शिपयार्ड कंपनी ने वर्ष 2015 में बंद कर दिया।

(आईएएनएस)

Created On :   13 Feb 2022 2:00 PM IST

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