जम्मू-कश्मीर : संगठन को मजबूत बनाने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में जुटी है भाजपा

Jammu and Kashmir: BJP is engaged in the mission of strengthening the organization and increasing the base
जम्मू-कश्मीर : संगठन को मजबूत बनाने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में जुटी है भाजपा
जम्मू-कश्मीर सियासत तेज जम्मू-कश्मीर : संगठन को मजबूत बनाने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में जुटी है भाजपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से अलग होने के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में हलचल जरूर मच गई है, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा ने फिलहाल आजाद को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दरअसल, जम्मू कश्मीर राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील राज्य माना जाता है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य का माहौल बदल रहा है, लेकिन राज्य की जनता के मूड को जानने के लिए तमाम लोग आगामी विधान सभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का रास्ता कश्मीर घाटी से होकर गुजरता है और विधान सभा सीटों के परिसीमन के बावजूद इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। सीटों की संख्या बढ़ाने और परिसीमन के बाद भी कश्मीर में विधान सभा की 47 और जम्मू में 43 सीटें हैं।

भाजपा जम्मू में बहुत मजबूत है और लगातार यहां से चुनाव भी जीतती रही है, लेकिन कश्मीर घाटी के हालात से पार्टी बखूबी वाकिफ है, इसलिए फिलहाल भाजपा गुलाम नबी आजाद से लेकर जम्मू कश्मीर से जुड़े अन्य अहम मसलों पर बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दे रही है। राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने के अभियान से जुड़े एक प्रमुख नेता ने यह दावा किया कि कश्मीर में भी हालात बदले हैं और इसका अंदाजा सबको हो जाएगा। हालांकि गठबंधन को लेकर पार्टी अभी तक अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है।

याद दिला दें कि जिस दिन गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर इस्तीफा बम फोड़ा था, उसी दिन गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर कोर ग्रुप के नेताओ के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर राज्य के हालात और पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की थी। हालांकि शाह की यह बैठक पहले से ही तय थी। प्रदेश में चुनावी तैयारियों को लेकर भाजपा का स्पष्ट कहना है कि पार्टी का मुख्य जोर अभी प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों तक संगठन का मजबूत ढांचा खड़े करने के साथ-साथ बूथ स्तर तक युवा कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करनी है जो जनता के बीच जाकर जनता की मदद करे। पार्टी जनसमर्थन जुटा कर अपना सांगठनिक विस्तार करने के साथ ही जनाधार को भी बढ़ाना चाहती है।

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं की पूरी फौज ही जमीन पर उतार दी है। जम्मू-कश्मीर में पार्टी के विस्तार अभियान को जोर-शोर से चलाने के लिए भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह, पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता, पूर्व मंत्री सत शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह और देवेंद्र सिंह राणा एवं राकेश महाजन जैसे दिग्गज नेताओं को अलग-अलग सेल का प्रभारी बनाकर एक्स सर्विसमैन, सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों, वरिष्ठ नागरिकों, शरणार्थियों, पंचायती राज और स्थानीय निकायों से जुड़े लोगों, कर्मचारी वर्ग, उद्योग और व्यापार से जुड़े लोगों के साथ-साथ विभिन्न तरह के प्रोफेशनल वर्ग के लोगों के साथ संवाद और संपर्क स्थापित करने को कहा है। इसके साथ ही पार्टी आलाकमान के दिशा-निर्देश के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने प्रदेश इकाई के सभी प्रकोष्ठों और विभागों के संयोजकों एवं सह संयोजकों के साथ बैठक कर सक्रियता बढ़ाने का निर्देश दिया है।

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35 ए हटने के बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया है और चुनावी तैयारियां पूर्ण होते ही राज्य में विधान सभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले जनता की परेशानियों को सुनने और उसका समाधान निकालने के लिए भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं की एक लोक शिकायत निवारण समिति बना दी है जो लगातार लोगों की शिकायतें सुन रही हैं।

भाजपा जम्मू के साथ-साथ कश्मीर घाटी में भी पार्टी को मजबूत बनाने पर खास जोर लगा रही है, क्योंकि भाजपा को इस बात का बखूबी अहसास है कि घाटी में जीत हासिल किए बिना राज्य में सरकार बनाना संभव ही नहीं है, इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि देर-सबेर भाजपा किसी ऐसे राजनीतिक दल या नेता से गठबंधन जरूर करेगी जो गठबंधन सहयोगी के तौर पर घाटी में उसे सीटें दिलवा सकें, लेकिन क्या यह गठबंधन चुनाव पूर्व होगा या चुनाव के बाद, यह जानने के लिए चुनाव की तारीखों के एलान तक का इंतजार करना होगा।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   3 Sept 2022 9:30 AM GMT

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