क्या पहले के मुकाबले कम हो गई मोदी और शाह की लोकप्रियता? सी वोटर सर्वे में आए ताज बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाले आंकड़े
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सी-वोटर का ताजा सर्वे सामने आया है। सर्वे में जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं वह बीजेपी के लिए चिंता का बढ़ाने वाले हो सकते हैं। दरअसल, सर्वे में बीजेपी के दो शीर्ष नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह का जादू पहले के मुकाबले कम होता दिख रहा है।
परेशानी बढ़ाने वाले आंकड़े
सबसे पहले बात करते हैं सर्वे की तो इसके मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 284 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इसके साथ ही सहयोगी दलों को 14 सीटें मिलने के आसार जताए गए हैं। इस तरह एनडीए गठबंधन को 298 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो कि बहुमत से ज्यादा है। इस दौरान एनडीए के वोटिंग प्रतिशत में भी 2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई गई है। 6 महीने पहले सर्वे में एनडीए का वोटिंग प्रतिशत 41 प्रतिशत था जो कि ताजा सर्वे में बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया है। वहीं बात करें पसंदीदा लोकप्रिय चेहरों की तो पिछली बार की तरह इस बार भी पीएम मोदी 56 फीसदी वोटो के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। उनके बाद गृह मंत्री अमित शाह का नंबर आता है उन्हें 26 फीसदी वोट मिले हैं। तीसरे नंबर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 25 फीसदी और चौथे नंबर पर 16 फीसदी वोटों के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नंबर आता है। वहीं पांचवे नंबर पर हाल ही में अपनी भारत जोडो़ यात्रा करके लौटे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नंबर आता है। उन्हें 14 फीसदी लोगों ने पीएम चेहरे के रूप में पसंद किया है।
अब बात करते हैं उन आंकड़ों की जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं। दरअसल, सर्वे में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 298 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। अगर 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो उसमें एनडीए को 353 सीटें मिली थीं। यह आंकड़ें बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाले हैं। वहीं बात करें कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन की तो ताजा सर्वे में गठबंधन को पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में 62 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही हैं। बता दें कि पिछले चुनाव में यूपीए को 91 सीटें मिली थीं जिसमें इस बार 62 सीटों की बढ़ोत्तरी के साथ 153 सीटें मिलती दिख रही हैं। इसके साथ ही वोट शेयर में भी करीब 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई गई है।
बीजेपी के लिए चिंता का इससे भी बड़़ा विषय अपने हार्डकोर वोटरों में भारी कमी है। सर्वे में जब लोगों से धारा 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर सवाल किया तो केवल 14 फीसदी ने धारा 370 और 12 फीसदी ने राम मंदिर मुद्दे पर पीएम मोदी का समर्थन किया। मतलब जिन 52 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी को अगले पीएम के रूप में पसंद किया उन्होंने हिंदूत्व के मुद्दे पर पार्टी को कम समर्थन दिया। यही पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरा है।
अगर इन आंकड़ो की तुलना हम राहुल गांधी को पसंद करने वालों से करें तो दोनों का आंकड़ा 14-14 के साथ बराबरी पर है। इसका मतलब यह है कि हिंदूत्व विचारधारा से हटकर बीजेपी को समर्थन करने वाले कई लोग ऐसे हैं जो अन्य मुद्दों पर पार्टी को छोड़कर दूसरे दल को समर्थन दे सकते हैं और अपना वोट वहां शिफ्ट कर सकते हैं।
दो बार से इस तरह के वोटरों ने पीएम मोदी पर अपना भरोसा जताया है। इस बार भी मोदी इस वर्ग की पसंद बने हुए हैं। लेकिन, लगातार दो बार से सत्ता की चॉबी सौंपने वाला मोदी का यह समर्थक वर्ग इस बार सत्ता परिवर्तन कर सकता है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर विपक्ष इस वर्ग को अपनी ओर लाने में सफल होता है तो सत्ताधारी बीजेपी के लिए 2024 का चुनाव बेहद मुश्किल भरा हो सकता है। आगामी लोकसभा में लगभग 1 साल का समय बचा है ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस इस वर्ग को अपनी ओर खींचने का प्रयास करेंगे।
Created On :   10 Feb 2023 3:34 PM IST