कार्यबल को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहे हैं

Dharmendra Pradhan says We are preparing the workforce to face the challenges of the 21st century
कार्यबल को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहे हैं
धर्मेंद्र प्रधान कार्यबल को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहे हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में सभी आयु वर्ग के छात्रों के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। बावजूद इसके अभी भी युवाओं का एक ऐसा वर्ग है जो शिक्षा और शिक्षा नीति के प्रावधानों से बाहर है। यह युवाओं का वह वर्ग है जो औपचारिक शिक्षा के मौजूदा सिस्टम से बाहर है।

शिक्षा मंत्रालय अब ऐसे युवाओं को भी शिक्षित और प्रशिक्षित करने का पक्षधर है। स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि औपचारिक शिक्षा से अछूते युवाओं के लिए कौशल, पुन कौशल और अप-स्किलिंग की रणनीतियों के साथ आगे आना चाहिए।

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय 21वीं सदी की ऐसी ही चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। मंत्रालय का मानना है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कौशल को बेहतर करना होगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेजी से बदलती हुई दुनिया को देखते हुए हमें अपने कार्यबल को एक समग्र कौशल रणनीति के माध्यम से 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करना चाहिए। प्रधान ने समाज और अर्थव्यवस्था में एक प्रवर्तक के साथ-साथ एक व्यवधान कर्ता के रूप में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में जानकारी दी।

क्षमता निर्माण के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में क्षमता निर्माणपर पूरा जोर दिया जा रहा है। उन्होंने क्षमता निर्माण में श्रेष्ठ प्रथाओं का अवलोकन करने और विभिन्न संस्थाओं के बीच तालमेल का सृजन करने में भारतीय क्षमता विकास आयोग की भूमिका पर जोर दिया है।

प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और शिक्षा तथा कौशल के बीच तालमेल स्थापित करने में इसके प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जहां एनईपी औपचारिक शिक्षा प्रणाली में 3 से 23 वर्ष की आयु के छात्रों को कवर करती है, वहीं हमें उनके लिए भी नए विचारों, कौशल, पुन कौशल और अप-स्किलिंग के बारे में पथ प्रदर्शक रणनीतियों के साथ आगे आना चाहिए, जो औपचारिक शिक्षा का हिस्सा नहीं है।

केंद्रीय शिक्षा मत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई दिल्ली में चुस्त कार्य संस्कृति के लिए रणनीतियां, नए युग के रास्ते विषय पर आयोजित किए जा रहे 49वें आईएफटीडीओ विश्व सम्मेलन में यह बातें कहीं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   22 May 2022 4:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story