कार्ति के सहयोगी भास्कररमन की जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस

Chinese visa case: Delhi High Court notice on CBIs plea against the bail of Kartis aide Bhaskararaman
कार्ति के सहयोगी भास्कररमन की जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस
चीनी वीजा मामला कार्ति के सहयोगी भास्कररमन की जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कररमन को चीनी वीजा घोटाला मामले में जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई है। इस मामले में भास्कररमन से जवाब मांगते हुए न्यायमूर्ति पूनम ए. बंबा ने अगली सुनवाई 27 सितंबर के लिए निर्धारित की है। अकाउंटेंट भास्कररमन को 19 मई को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और उन्हें 9 जून को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी।

चीनी वीजा मामला 2011 में हुआ एक कथित घोटाला है, जब शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। पिछले महीने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने कार्ति और मामले में एस. भास्कररमन और थर्मल पावर प्लांट तलवंडी साबो पावर के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट विकास मखरिया सहित अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

कार्ति ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। यह इंगित करते हुए कि इन सभी वर्षों में कोई जांच नहीं हुई है, निचली अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि कथित लेन-देन 2011 का है और ईडी ने लंबे समय बीत जाने के बाद मामला दर्ज किया है।

वकील ने यह भी तर्क दिया कि कथित लेनदेन का मूल्य 50 लाख रुपये था, जो कि 1 करोड़ रुपये से कम है और इस तथ्य के मद्देनजर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। प्राथमिकी के अनुसार, मनसा स्थित तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया।

मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, सीबीआई का आरोप है कि उक्त रिश्वत का भुगतान मानसा स्थित निजी कंपनी से चेन्नई के उक्त निजी व्यक्ति और उसके करीबी सहयोगी को मुंबई की एक कंपनी के माध्यम से कंसल्टेंसी के लिए उठाए गए झूठे चालान के भुगतान के रूप में किया गया था।

हाल ही में सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा था, मानसा स्थित निजी फर्म 1,980 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी।

यह भी आरोप लगाया गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने एक भी चीनी नागरिक को सुविधा नहीं दी और मामला फर्जी है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   12 July 2022 10:00 PM IST

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