बीपीएससी प्रश्नपत्र वायरल मामले में केंद्राधीक्षक गिरफ्तार, जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का है नजदीकी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र वायरल होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम ने गया जिले के एक केंद्राधीक्षक शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन्होंने प्रश्नपत्र स्कैन कर व्हाट्सअप से भेजा था। बताया जाता है कि इनकी बडी राजनीति पहुंच है। पहले ये उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से जुड़े थे, लेकिन रालोसपा के जदयू में विलय होने के बाद ये भी जदयू के करीब आ गए।
इओयू के अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार शक्ति कुमार गया जिले के डेल्हा स्थित रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य हैं और परीक्षा में केंद्राधीक्षक बने थे। इओयू के सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के क्रम में आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने ही प्रश्नपत्र के सी सेट को स्कैन कर कपिलदेव नाम के व्यक्ति को भेजा था और प्रश्नपत्र वायरल हुआ था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे छह जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बताया जाता है कि कपिलदेव से ही कई लोग यह प्रश्नपत्र हासिल किए थे। सूत्र हालांकि अब तक प्रश्नपत्रों के एवज में मिलने वाली राशि का खुालासा नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इओयू की एआईटी इस बात का पता लगाने में जुटी है कि जिनके पास प्रश्नपत्र पहुंचा है। एसआईटी शक्ति कुमार के कॉलेज में केंद्र बनाए जाने के मामले की भी जांच करने में जुटी है। एसआईटी शक्ति कुमार के राजनीतिक लाभ को लेकर भी जांच करने की बात कर रही है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आठ मई को बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद आयोग की टीम ने इस परीक्षा को रद्द घोषित कर दिया था।
सोर्स- आईएएनएस
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Created On :   25 Jun 2022 11:30 AM GMT