पश्चिमी यूपी के जाट वोटरों को मनाने में जुटी बीजेपी, शाह ने दिल्ली में जाट नेताओं के संग की बैठक

BJP engaged in persuading Jat voters of western UP, Shah held a meeting with Jat leaders in Delhi
पश्चिमी यूपी के जाट वोटरों को मनाने में जुटी बीजेपी, शाह ने दिल्ली में जाट नेताओं के संग की बैठक
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 पश्चिमी यूपी के जाट वोटरों को मनाने में जुटी बीजेपी, शाह ने दिल्ली में जाट नेताओं के संग की बैठक

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में बस कुछ ही दिन ही बचे हैं, सभी राजनीतिक दल जोर शोर से चुनावी प्रचार में जुटे हैं। आपको बता दें कि पश्चिमी यूपी के कई जिलों में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है। पश्चिमी यूपी को जाट लैंड के नाम से जाना जाता है। इसको लेकर एक कहावत भी है कि जिसके जाट, उसकी ठाठ। इसकी शुरूआत भी जाटलैंड से हो रही है।

यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में जाट दरबार सजाया तथा 100 से अधिक ज्यादा जाट नेताओं संग बैठक की है। बीजेपी सांसद परवेश वर्मा के घर खाट, हुक्का और गुड़ की मिठास के साथ हुई इस बैठक में जाटों की नाराजगी को दूर करने का पूरा प्रयास किया गया। गृहमंत्री अमित शाह ने 2014 से 2019 तक तीन बार बीजेपी की झोली भरने के लिए जाट समुदाय को श्रेय दिया तो एक बार फिर अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांगा। 

पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय का प्रभाव

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह को जाट समुदाय का मसीहा माना जाता है, जिन्होंने राजनीति की शुरूआत कांग्रेस से ही की थी। साल 1967 में चरण सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर अपने समर्थक विधायकों के साथ क्रांति दल नाम से पार्टी का गठन किया था।

इसके बाद वो पहली बार गैर-कांग्रेसी यूपी के मुख्यमंत्री बनें और फिर बाद में प्रधानमंत्री बनें। कहा जाता है कि यूपी की सियासत में चरण सिंह चौधरी और किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की ठाठ ऐसी थी कि इनके बिना केंद्र की सरकार बन पाना मुश्किल हो जाता था।

गौरतलब है कि यूपी में भले ही जाटों की आबादी 3 से 4 फीसदी के बीच है, लेकिन पश्चिमी यूपी में 17 फीसदी के करीब जाट है। लोकसभा की एक दर्जन से ज्यादा और विधानसभा सीटों की बात करें तो 120 सीटें ऐसी हैं, जहां पर जाट वोट बैंक काफी ज्यादा प्रभाव रखता है। पश्चिमी यूपी की कुछ सीटों पर जाट वोटों का इतना असर है कि हार-जीत तय करने की ताकत रखते हैं। बता दें कि पश्चिमी यूपी में 30 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जाट वोटर्स को निर्णायक माना जाता है। 

खाप पंचायत में होता है फैसला

आपको बता दें कि जाट समाज पर नेताओं से सबसे ज्यादा असर खाप पंचायतों का है। जाट समाज के तमाम फैसले खाप पंचायत में तहत ही होते हैं। ऐसे में चुनाव में किस पार्टी को वोट करना है, ये भी खाप पंचायत पर ही निर्भर करता है। बता दें कि जाट समाज में भी अलग-अलग कई खाप पंचायत हैं।

जिनमें सबसे बड़ी खाप बालियान खाप है, जिसके अध्यक्ष नरेश टिकैत हैं। इसके अलावा गठवाला खाप, देशवाल खाप, कालखांडे खाप, लाटि‍यान खाप, बत्तीस खाप, चौगाला खाप, अहलावत खाप हैं। बालियान और गठवाला खाप प्रमुख है, जिसकी पश्चिमी यूपी के जाट समुदाय के बीच मजबूत पकड़ है। 

Created On :   26 Jan 2022 8:56 PM IST

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