मध्यप्रदेश की सियासत में उथल पुथल, पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी भाजपा छोड़ कांग्रेस में होंगे शामिल! बीजेपी में मची खलबली, कमलनाथ ने कहा, अभी तो बस ट्रेलर...
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने स्तर पर कार्यकर्ता तैयार करना शुरू कर दिए हैं। ताकि इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में एक-दूसरे को मात दी जा सके। हालांकि, चुनाव को देखते हुए दोनों पार्टियों के नेताओं में होड़ मची है कि कैसे अपने सीट को सुरक्षित किया जाए। हाल ही के दिनों में कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए तो वहीं सत्ताधारी बीजेपी की ओर से भी कई कार्यकर्ता और जनाधार वाले नेताओं ने कांग्रेस का "हाथ" थामा था। अब इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ने जा रहा है, जो मध्यप्रदेश की सियासत में बड़ा नाम रखता है इसके साथ ही परिवार का भी प्रदेश की राजनीति से गहरा संबंध रहा है।
बीजेपी के कद्दावर नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी 6 मई को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। खबरों की मानें तो, कमलनाथ के मौजूदगी में दीपक जोशी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। वहीं जानकारों का मानना हैं कि, बीजेपी से जोशी इन दिनों खफा चल रहे हैं। दीपक को एहसास हो चुका है कि पार्टी आगामी चुनाव में टिकट काट सकती है विश्लेषकों के मुताबिक, इसी खतरे को देखते हुए दीपक जोशी बीजेपी का दामन छोड़ "कांग्रेस के हाथ" से अपना राजनैतिक भविष्य सुधारने का प्लान बना रहे हैं। खबर ये भी है कि भाजपा के कई नेता दीपक को मानने की कोशिश कर रहे हैं और पार्टी को न छोड़ने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि दीपक जोशी का राजनैतिक करियर भगवा पार्टी में ही सुरक्षित है।
बीजेपी से क्यों खफा है दीपक जोशी?
आपको बता दें कि, दीपक जोशी हाटपिपल्या विधानसभा से चुनाव लड़ते रहें हैं लेकिन साल 2018 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी से मुंह की खानी पड़ी थी। हारने के बाद दीपक जोशी का पार्टी में धीरे-धीरे दबदबा कम होने लगा। लेकिन साल 2020 में कुछ ऐसी परिस्थिति बदली की कांग्रेस नेता मनोज चौधरी बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके बाद एक बार फिर हाटपिपल्या विधानसभा में उपचुनाव हुआ। जिसमें भाजपा ने दीपक जोशी को छोड़ मनोज चौधरी को इस विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। जिसमें चौधरी ने एक बार फिर जीत दर्ज की। मध्यप्रदेश की राजनीतिक को जानने वाले कहते हैं कि, यहीं से बीजेपी और दीपक जोशी की राहें अलग हो गई। जोशी उसके बाद से ही बीजेपी के कार्यक्रमों से नदारद रहने लगे।
दीपक जोशी का क्या है प्लान?
सियासी पंडितों का कहना हैं कि, दीपक जोशी अपने राजनैतिक करियर को लेकर बड़ा ही गंभीर हैं जिसका पिता प्रदेश के सबसे बड़े औहदे पर रहा हो उसे विधायक बनने में इतनी पापड़ बोलनी पड़ रही है। जानकार ये भी कहते हैं कि, आने वाले दिनों में प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जोशी को पूरा ज्ञात है कि साल 2020 के उपचुनाव की तरह ही उनका टिकट इस बार भी कट सकता है। इसलिए खतरे को भांपते हुए बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थामने का प्लान बनाया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस से दीपक जोशी की बात चल रही है और आने वाले चुनाव में हाटपिपल्या विधानसभा चुनाव पर दोनों की सहमति बन गई है। हालांकि, कांग्रेस में जाने को लेकर प्रदेश सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और भाजपा प्रदेशाध्याक्ष वीडी शर्मा पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं ताकि दीपक प्रतिद्वंद्वी पार्टी में शामिल न हो।
दीपक को मनाने में जुटे बीजेपी के वरिष्ठ नेता
दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, जोशी एक वरिष्ठ राजनेता हैं प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका है। मिश्रा ने आगे कहा, दीपक जोशी मेरे कैबीनेट सहयोगी रहे हैं वो एक सक्षम नेता के साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। हम उनके साथ हैं। वहीं जोशी को कांग्रेस में शामिल होने पर वीडी शर्मा भी एक्टिव हो गए हैं। शर्मा दीपक जोशी से संपर्क बनाए हुए हैं और उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, दीपक जोशी जल्द ही कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं जिसकी वजह से प्रदेश भाजपा को बड़ा नुकसान आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
कमलानाथ ने क्या कहा?
इधर बीजेपी दीपक जोशी को मानने के लिए वरिष्ठ नेताओं की टोली तैयार कर रही है। इसी बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का एक बड़ा बयान सामने आया है। कमलनाथ से जब मीडिया ने जोशी को लेकर सवाल पूछा तो नाथ ने जवाब देते हुए कहा, आगे-आगे देखते जाइए होता है क्या? अभी तो बस ये ट्रेलर है पूरा फिल्म तो बाकी है।
कौन हैं दीपक जोशी?
दीपक जोशी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहें कैलाश चंद्र जोशी के बेटे हैं। दीपक जोशी के पिता कैलाश जोशी प्रदेश साल 1977 से लेकर 1978 तक मध्यप्रदेस के मुख्यमंत्री रहे हैं। ये राज्य में पहले गैर कांग्रेसी नेता रहे हैं जिन्होंने सीएम का कार्यभार संभाला था। बता दें कि, दीपक जोशी प्रदेश के सियासत में एक बड़ा नाम है। पिता की विरासत बागली विधानसभा सीट से लेकर हाटपिपल्या तक अपना दबदबा बनाए रखा है। लेकिन दो बार हाटपिपल्या से जीत दर्ज करने के बाद साल 2018 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसकी वजह से उनका कद पार्टी में कम होता गया। इसी की वजह से वो बीजेपी की दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं। ऐसे अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले 6 मई को पूरे शोर शराबा से कांग्रेस में शामिल हो जाएं।
Created On :   3 May 2023 11:38 AM IST