पंजाब में इलेक्शन की डेट बदलवाने की पीछे है बड़ी राजनीति, क्या चन्नी ने मार लिया मैदान!
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव अगले ही महीने होना है। सभी राजनीतिक दल सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इसी बीच पंजाब में राजनीति दलों ने चुनाव की तारीखों को बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी और चुनाव आयोग ने अब 14 फरवरी की बजाय 20 फरवरी को एक चरण में पंजाब में विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है। बता दें कि द हिन्दू ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रविदास जयंती को लेकर मतदान की तारीख बढ़ाने से पता चलता है कि पंजाब की राजनीति में दलित अभी केंद्र में आ गए हैं। बता दें कि पंजाब में दलितों की आबादी करीब 32 फीसदी है, लगभग सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी।
इससे पता चलता है कि पंजाब की सियासत में दलित वोटों का कितना महत्व है। कोई भी राजनीतिक दल पंजाब में दलित वोटों को नाराज करने की जोखिम नहीं उठा सकता है। गौरतलब है कि सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी व उसकी सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल की तरफ से 10 जनवरी को चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की गई थी। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को खत लिखकर कम से कम चुनाव को छह दिन स्थगित करने की मांग की थी। बीजेपी और उसकी सहयोगी दल पंजाब लोक कांग्रेस के साथ एसएडी ने भी मतदान की तारीख बदलने की मांग की थी। इन मांगों के बाद चुनाव आयोग ने तारीख बदलने की घोषणा बीते सोमवार को कर दी। जिसके बाद राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ सी मच गई है।
श्रेय लेने की मची होड़
पंजाब में बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने कांग्रेस और बीजेपी को दलित विरोधी बताया और कहा कि कांग्रेस व बीजेपी केवल दलितों की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बसपा ने चुनाव आयोग का ज्ञापन सौंपा था, जिसे चुनाव आयोग ने संज्ञान में लिया।
सीएम चन्नी ने किया ट्वीट
बता दें कि सूबे के सीएम चन्नी पीछे कहां हटने वाले हैं उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि इस पत्र के बाद ही चुनाव आयोग ने तारीख बदलने का फैसला लिया है।
— Punjab Congress (@INCPunjab) January 17, 2022
उधर आप पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान सिंह ने कहा कि हमने मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को चिट्ठी लिखी और मतदान की तारीख बदलने की मांग की थी। बीजेपी ने भी कहा कि हमने चुनाव की तारीख को बदलने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया था।
रविदास जयंती के लिए बदली तारीख
गौरतलब है कि 16 फरवरी को संत रविदास जयंती है कई सामाजिक संगठनों ने चुनाव तारीख को बढ़ाने की मांग की थी। बता दें कि 10 फरवरी से 16 फरवरी के बीच गुरू रविदास को मानने वाले बड़ी संख्या में पंजाब से लोग बनारस जाते हैं। ऐसे में 14 फरवरी को मतदान होती तो दिक्कत होती। पंजाब के बहुत से वोटर्स मतदान करने के लिए वंचित हो जाते।
Created On :   18 Jan 2022 4:25 PM IST