दिल्ली: मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा- चुनाव आयोग

- डुप्लीकेट वोटर कार्ड (ईपीआईसी) के नंबरों को लेकर मचा था जमकर बवाल
- विपक्ष के आरोपों के बाद बुलाई गई थी बैठक
- डुप्लीकेट नंबर वाला मतदाता पहचान पत्र का मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने आज मंगलवार 18 मार्च को बड़ा फैसला लिया। इस फैसले के बाद मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को लिंक किया जाएगा। संविधान में भी वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 भी कहते है। इसके अनुसार निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड और नंबर संख्या प्रदान करने की मांग कर सकता हैं। यह कानून वोटर लिस्ट को आधार डाटाबेस के साथ जोड़ने की अनुमति देता है।
आपको बता दें इन दिनों डुप्लीकेट वोटर कार्ड (ईपीआईसी) के नंबरों को लेकर सड़क से लेकर संसद और सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा हुआ है। राजनीतिक पार्टियां इसके जरिये चुनाव आयोग की वैधता पर ही सवाल उठा रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अगुवाई में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मीटिंग की। संयुक्त बैठक में ये फैसला लिया गया कि वोटर पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के मुताबिक ही किया जाएगा। इस फैसले के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे।
Created On :   18 March 2025 7:05 PM IST