बयान से यूटर्न: क्या पार्टी के दबाव में कंगना? कृषि कानून पर दिए बयान पर मांगी माफी, कहा- बीजेपी सांसद हूं याद रखना पड़ेगा
- किसान को लेकर हाल ही में कंगना ने दिया था बयान
- कंगना ने कहा था- कृषि कानून वापस लाना चाहिए
- अब कंगना ने बयान से लिया यूटर्न
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी नेता और सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में तीनों कृषि कानून वापस लागू करने की वकालत की थी। हालांकि, अब उन्होंने अपने बयान से यूटर्न ले लिया है। साथ ही, उन्होंने अपने शब्द वापस लेते हुए कहा कि उनकी बात से यदि किसी को निराशा हुई है तो उन्हें खेद रहेगा। कंगना रनौत ने कहा था कि खत्म किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। बीजेपी ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया।
कंगना ने लिया अपना बयान वापस
हिमाचल के मंडी सीट से लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने बुधवार को सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज जारी करते हुए अपने शब्द वापस लिए। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे इस बयान से कई लोग निराश और हताश हैं। जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें।"
कंगना रनौत ने कहा, "मुझे भी यह ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार नहीं हूं, मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी राय न होकर पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मेरी बातों और मेरी सोच से किसी को निराशा हुई है तो मुझे खेद रहेगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।"
किसानों ने कृषि बिल का जमकर किया था विरोध
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान तीन कृषि कानूनों को संसद से पास कराया था। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवव पर करार अधिनियम 2020 और वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 नाम के इन तीनों कानूनों का किसानों ने खूब विरोध किया था। किसान एक साल से ज्यादा समय तक धरने पर बैठे रहे थे। जिसके बाद नवंबर 2021 में पीएम मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेते हुए कहा था कि वे किसानों को समझाने में विफल रहे।
Created On :   25 Sept 2024 3:11 PM IST