एक राष्ट्र एक चुनाव: वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक

वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक

एएनआई

  • राजनीतिक दलों के साथ परामर्श
  • एक देश एक चुनाव का आप-कांग्रेस ने किया विरोध
  • टीएमसी और एआईएमआईएम ने लिखा पत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वन नेशन वन इलेक्शन पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) के अध्यक्ष, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और इसके सदस्य गुलाम नबी आज़ाद, डॉ एन के सिंह और संजय कोठारी ने राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के हिस्से के रूप में सीपीआई महासचिव डी राजा से मुलाकात की। उन्होंने समिति के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किये।

दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी ने एक देश एक चुनाव का विरोध किया है। इसे लेकर आप ने एक हाई लेवल कमेटी को अपनी सिफारिशों भेजीं है। आप से पहले एक देश एक इलेक्शन के विरोध में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी भी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ अध्यक्षता वाली कमेटी को पत्र भेज चुकी है। हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा, 'न तो संसदीय स्थायी समिति, नीति आयोग या विधि आयोग ने यह सुझाव दिया है कि ऐसा कदम उठाने की जरूरत क्यों है। इसके बजाय चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है। दुर्भाग्य से, एचएलसी के संदर्भ की शर्तों में भी वही दोष मौजूद है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने समिति को 3 पन्ने का खत लिखा है कि हम 'वन नेशन वन इलेक्शन' का विरोध क्यों कर रहे हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है और हम इसका पूरा विरोध करेंगे।

आईएएनएस न्यूज एजेंसी के मुताबिक इससे पहले रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (वन नेशन, वन इलेक्शन) पर उच्च स्तरीय समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने पर विचार को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रतिनिधि सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बंदोपाध्याय ने 11 जनवरी 2024 को पत्र द्वारा देशभर में एक साथ चुनाव पर पार्टी के जो विचार समिति को सौंपे थे, उसी को एक बार फिर समिति के सामने दोहराया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सीताराम येचुरी, नीलोत्पल बसु और मुरलीधरन ने भी समिति के सदस्यों से मुलाकात की और अपना रुख बताया।

बता दें कि पार्टी ने पहले ही लिखित रूप में एचएलसी को अपने विचार सौंप दिए थे। वहीं, समाजवादी पार्टी के केके. श्रीवास्तव और हरिश्चंद्र सिंह यादव ने समिति को देश में एक साथ चुनाव कराने पर अपनी पार्टी के रुख से अवगत कराया। इससे पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से भी समिति को अपना विचार लिखित रूप से सौंप दिया गया था। दूसरी तरफ भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव पर बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के विषय पर औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ भी परामर्श किया।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) ने सुझाव दिया कि देश में एक साथ चुनाव कराने से होने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा और इस बचत का उपयोग आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

Created On :   7 Feb 2024 8:29 PM IST

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