नियम बना मुसीबत!: मंत्रीपद मिलने के तीन दिन बाद कैलाश विजयवर्गीय को देना पड़ा इस्तीफा! खुद ही बताया क्या है पार्टी का रूल

मंत्रीपद मिलने के तीन दिन बाद कैलाश विजयवर्गीय को देना पड़ा इस्तीफा! खुद ही बताया क्या है पार्टी का रूल
  • पार्टी के इस नियम के चलते लिया फैसला
  • 9 साल तक संभाला राष्ट्रीय महासचिव का पद
  • मोहन कैबिनेट में बने मंत्री

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नवनियुक्त कैबिनेट में मंत्री बने कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। बता दें कि साल 2014 में कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह करीब 9 साल तक इस पद पर रहे। जानकारी के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह फैसला एक 'व्यक्ति एक पद' के तहत लिया गया है।

इस बात की जानकारी कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर पोस्ट के जरिए शेयर की। पोस्ट में उन्होंने लिखा, "आज मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी से मिला। हमारी पार्टी के सिद्धांत 'एक व्यक्ति एक पद' के अनुसार मैंने महासचिव पद से उन्हें इस्तीफा सौंपा। मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 9 वर्ष तक पहले अमित शाह जी फिर जेपी नड्डा जी के मार्गदर्शन में देश के विभिन्न स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राणप्रण से कार्य किया।"

उन्होंने आगे लिखा, " अब मुझे पार्टी ने मध्यप्रदेश में एक नई भूमिका के लिए भेजा है। मैं प्रधानमंत्री जी का संकल्प वर्ष 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने। इस दिशा में मध्यप्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और अमित शाह जी के नेतृत्व में काम करेंगे। मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा। "

बता दें कि इंदौर-1 सीट से विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने भारतीय जनता पार्टी को सशक्त बनाने के लिए हरियाणा से लेकर पश्चमि बंगाल तक कई राज्यों में कई कार्य किए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान, जब पार्टी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे रही थी। तब उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनकी चुनाव लड़ने की कोई खास इच्छा नहीं थी। हालांकि, बाद में कैलाश ने पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया था।

Created On :   28 Dec 2023 6:49 PM IST

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