हरियाणा में IVM पर बवाल: क्या IVM में कम बैटरी के कारण चुनाव हार गई कांग्रेस ? जानें पवन खेड़ा की शिकायत पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब
- हरियाणा में गरमा रहा ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा
- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग से की शिकायत
- IVM
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है। इस पर कांग्रेस ने ईवीएम की बैटरी को जिम्मेदार ठहराया है। इसे लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान कांग्रेस नेता ने अधिकारियों के साथ चर्चा की है। पवन खेड़ा ने बताया कि हमारी चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मुलाकात हुई है। हमने उनके समक्ष 7 विधानसभा क्षेत्रों के दस्तावेज सौंपे हैं। हर बार की जैसे इस बार भी अधिकारियों ने एक अच्छी मुस्कान और एक अच्छी मुस्कान के साथ चाय पिलाई। हालांकि, हमारी कुछ और हुई मांगे है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग को हरियाणा के सात विधानसभा क्षेत्रों के आंकड़े और संबंधित दस्तावेज सौंपे। इसके अलावा कांग्रेस 13 और विधानसभा क्षेत्रों के दस्तावेज भी चुनाव आयोग को सौंपने वाले हैं। इससे पहले चुनाव आयोग से कांग्रेस के कैंडिडेट्स ने मंगलवार और आज भी ईवीएम की बैटरी में खराबी की कंप्लेंट की थी। हमारी और से इस बारे में जवाब मांगा गया है।
कांग्रेस ने लगाए कई आरोप
हरियाणा में मंगलवार को घोषित हुए चुनाव नतीजो में कांग्रेस ने कई सीटों पर अपनी हार के पीछे ईवीएम की बैटरी के दुरुपयोग होने का दावा किया था। कांग्रेस का कहना था कि जिन जगह पर ईवीएम की बैटरी ज्यादा था, वहां भाजपा की जीत हुई। जबकि, जिन जगहों पर बैटरी कम थी वहां पर कांग्रेस की हार हुई है। इस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वोटिंग के दौरान कभी भी ईवीएम की बैटरी खराब नहीं हुई है। ईवीएम की बैटरी से किसी भी तरह की छेड़कानी नहीं की जा सकती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया बयान
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि अगर चुनाव में वोटिंग के समय किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर ईवीएम मशीन को चेंज कर दिया जाता है। हालांकि, बैटरी को आज तक नहीं बदला गया है। ओपी रावत ने कहा कि बैटरी को ओपन और बंद करने के लिए स्ट्रांग रूम में लाया जाता है। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है। इसके अलावा बैटरी में खराबी आने पर कैंडिडेट्स से हस्ताक्षर करवाया जाता है। जिससे भविष्य में किसी भी तरह का दिक्कत ना सामने आए।
Created On :   9 Oct 2024 11:50 PM IST