आरोप का जवाब: केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने के दावे पर सीएम धामी की सफाई, बोले- 'ये तथ्यों से परे..'
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 228 किलो सोना गायब होने लगाया था आरोप
- सोना गायब होने के दावे पर सीएम धामी ने दी सफाई
- सीएम धामी बोले- 'ये तथ्यों से परे..'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया था। जिस पर अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जवाब आया है। उन्होंने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा लगाए गए सभी आरोप तथ्यों से परे हैं। इस दौरान उन्होंने केंदारनाथ धाम समेत चारों धाम के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान के बारे में जिक्र किया।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों पर पत्रकारों से शुक्रवार को पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये आरोप तथ्य से परे हैं। धामी ने कहा कि जब मंदिर का निर्माण और नवनिर्माण हुआ है तब से लेकर अब तक इतना सोना मंदिर में नहीं आया होगा। उन्होंने कहा कि 228 किलो सोना का एक चौथाई हिस्सा आज तक मंदिर में आया होगा।
सीएम धामी ने कहा- इस मामले पर मैं ज्यादा नहीं बोलना चाहता हूं। क्योंकि, मंदिर समिति के साधु-संतो ने इस बात का खंडन किया है। उन्होंने कहा- साधु-संतों ने इस आरोप को तथ्यों से परे बताया है। सीएम धामी ने आगे कहा- वो बाबा केंदारनाथ धाम है। बाबा के घर में कोई इस तरह का कृत्य करेगा तो बाबा की नजरों से वो बच नहीं सकता है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आरोप
इससे पहले 15 जुलाई को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है। आज तक उस पर कोई जांच नहीं बैठाई गई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता है।
गौरतलब है कि 13 जुलाई को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के आयोजित 'शुभ आशीर्वाद' सेरेमनी गए थे। जहां प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हुए थे। वहां पीएम मोदी ने अंनत-राधिका को आशीर्वाद देने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पास गए और उनसे आशीर्वाद लिया था।
इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रविवार (14 जुलाई) के दिन दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाए जाने को लेकर नराजगी जाहिर की। उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों केदरानाथ धाम के नाम राजधानी दिल्ली में मंदिर बनाने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
Created On :   19 July 2024 7:40 PM IST