आरोपों के बीच सुधार की बात: चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और सुधारने के लिए चुनाव आयोग ने पिछले एक महीने में उठाए कई अहम कदम

- एक केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता रोकने के लिए चल रहा काम
- एक करोड़ चुनाव कर्मियों को देंगे डिजिटल प्रशिक्षण
- 31 मार्च तक होंगी सर्वदलीय बैठकें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रोसेस को मजबूत करने के लिए पिछले एक महीने में कई अहम कदम उठाए है। चुनाव आयोग ने ये कदम ऐसे समय में उठाए जब उस पर मतदाता सूची में हेरफेर और डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जैसे कई गंभीर आरोप लगे। चुनाव आयोग ने आज गुरुवार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी दी।
आयोग ने करीब एक करोड़ चुनाव अधिकारियों को डिजिटल प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। ईआरओ, डीईओ और सीईओ लेवल पर चुनाव अधिकारियों के साथ 5000 सर्वदलीय बैठकों के जरिए राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़ाने, आपत्तियों और अपीलों में सुधार और वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया है।
आयोग ने सभी वोटर्स की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें पोलिंग बूथ तक लाने के लिए बीएलओ स्तर तक पूरे इलेक्शन सिस्टम को सही रास्ते पर लेकर आए। राजनीतिक दलों को प्रमुख हितधारकों के रूप में जमीनी स्तर पर शामिल किया जा रहा है।
आयोग जल्द आधार और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच जल्द तकनीकी परामर्श शुरू करेगा। आयोग ने देश भर में ईपीआईसी नंबरों में डुप्लीकेट को हटाने और 3 महीने के भीतर दशकों पुराने मुद्दे को समाधान करने का संकल्प लिया है। अधिकारियों के समन्वय से जन्म और मृत्यु पंजीकरण मतदाता सूची को नियमित अपडेट किया जाएगा।
Created On :   20 March 2025 6:43 PM IST