ऐतिहासिक कदम की ओर केंद्र सरकार: लोकसभा में कल पेश होगा 'वन नेश वन इलेक्शन' बिल! भाजपा ने सासंदों को जारी किया व्हिप
- देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर चर्चा तेज
- लोकसभा में कल पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल
- भाजपा ने सदन में उपस्थित रहने के लिए जारी किया व्हिप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को भाजपा ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। इस बीच अटकले हैं कि सदन में केंद्र की मोदी सरकार 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को पेश कर सकती है। माना जा रहा इस बिल को मंगलवार दोपहर 12 बजे पेश किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल बिल को पेश करेंगे।
'वन नेशन वन इलेक्शन' को दी सहमति
इस बीच भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल सभी सहयोगी दलों ने वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर सहमति दे दी है। इस बिल के पक्ष में एनडीए के सभी दल तैयार है। लेकिन, विपक्ष की ओर से इस बिल का विरोध किया जा रहा है। इसके बाद अब संसदीय समिति में भेजने की तैयारी कर रही है।
हालांकि, लोकसभा में मंगलवार को एजेंडा की अपडेट कार्यसूची जारी होने के बाद जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी। दरअसल, लोकसभा के लिए शुक्रवार को बिजनेस लिस्ट जारी हुई थी। इस लिस्ट में वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक को शामिल किया गया था। इसके बाद लोकसभा के सभी सांसदों को इसकी प्रति बांट दी गई थी। हालांकि, बाद में रिवाइज्ड बिजनेस लिस्ट में इस बिल को हटा दिया गया था।
कोविंद कमेटी ने कही ये बात
यदि देखा जाए तो वन नेशन वन इलेक्शन का उद्देश्य इसके नाम से उभरता है। इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार देशभर में विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक साथ संपन्ना कराना चाहती है। देश में चुनाव प्रकिया की इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार ने कई दलीलें दी हैं।
कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमिटी का गठन किया था। इस बिल को लेकर कमिटी ने तर्क दिया था चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता को लागू किया जाता है। ऐसे में सरकारों को नई योजना को लागू करने का अवसर नहीं मिल पाता है। इसके अलावा आचार संहित की वजह से नए प्रोजेक्ट को शुरू करने से लेकर नई नौकरी और नीतियों का ऐलान नहीं हो पाता है। इस वजह से विकास कार्यों में अड़चन का सामना करना पड़ता है। न केवल इतना बल्कि बार-बार चुनाव से देश के संसाधन भी खर्च होते हैं। केविंद कमेटी ने यह भी कहा कि इस चुनावी प्रक्रिया के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों की बार-बार ड्यूटी लगने से राहत मिलेगी।
Created On :   16 Dec 2024 10:24 PM IST