लोकसभा चुनाव 2024: भारत रत्न से सम्मानित पूर्व पीएम जीत चुके हैं दो चुनाव, जानिए रामटेक सीट का सियासी इतिहास
- रामटेक लोकसभा सीट का सियासी इतिहास
- पूर्व पीएम पी वी नरसिम्हा राव रहे दो बार के सांसद
- एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के कृपाल तुमाने हैं वर्तमान सांसद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में रामटेक सीट काफी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। रामटेक सीट नागपुर जिले के अंतर्गत आती है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पहले चरण में 19 अप्रैल को महाराष्ट्र की जिन 5 प्रमुख सीटों में चुनाव होना है। उनमें रामटेक सीट का नाम भी शामिल है। आजादी के बाद देश में जब सबसे पहला आम चुनाव हुआ था तब रामटेक सीट अस्तित्व में नहीं थी। साल 1957 में रामटेक सीट का गठन हुआ और इसी साल यहां पहले आम चुनाव संपन्न हुए। पहले आम चुनाव के बाद कई दशकों तक यहां कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व रहा। साल 1999 में रामटेक में सियासी समीकरण बदले और पहली बार शिवसेना ने चुनाव जीता। आज हम आपको बताएंगे रामटेक लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के बारे में।
रामटेक लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
आजादी के 10 साल बाद 1957 में रामटेक सीट के गठन के बाद यहां पहले आम चुनाव संपन्न हुए। पहला आम चुनाव कांग्रेस पार्टी ने जीता और कृष्णराव गुलाबराव देशमुख पहले सासंद चुने गए। 1962 में कांग्रेस ने माधवराव भगवंतराव पाटिल को टिकट दिया और उनकी भी जीत हई। 1967 और 1971 के आम चुनाव में कांग्रेस ने फिर बाजी मारी और अमृत गणपत सोनार सासंद रहे। हांलाकि, 1974 में राम हेडउ निर्दलीय सांसद चुने गए। आपातकाल हटने के बाद साल 1977 में लोकसभा चुनाव हुए। इस बार भी कांग्रेस ने चुनाव जीता और जातिराम बर्वे निर्वाचित हुए। 1980 में भी कांग्रेस ने अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा और जातिराम बर्वे दोबारा सांसद बने। कांग्रेस का रामटेक सीट में लगातार जीत हासिल करने का सिलसिला 1998 तक जारी रखा।
इस दौरान 1984 और 1989 में पीवी नरसिम्हा राव सांसद रहे। 1991 में तेजसिंहराव लक्ष्मणराव भोंसले, 1996 में दत्तात्रेय राघोबजी मेघे और 1998 मे चित्रलेखा भोंसले निर्वाचित हुईं। वर्ष 1999 में शिवसेना की एंट्री हुई और सुबोध मोहिते सांसद बने। 2004 में शिवसेना ने रामटेक सीट से सुबोध मोहिते को दूसरी बार टिकट दिया और वे इस बार भी चुनाव जीतने में सफल रहे। हालांकि, 2007 में मोहिते ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उप-चुनाव हुए। उप-चुनाव जीतने में शिवसेना सफल रही और प्रकाश जाधव सांसद बने। साल 2009 में कांग्रेस ने वापसी की और मुकुल बालकृष्ण वासनिक सांसद बने। हांलाकि, 2014 में शिवसेना ने वापसी कर कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस बार कृपाल तुमाने सांसद बने। 2019 में भी कृपाल तुमाने ने शिवसेना को जीत दिलाई। वर्तमान में कृपाल तुमाने रामटेक सीट से सांसद हैं। हांलाकि कृपाल तुमाने वर्तमान में एकनाथ शिंदे की शिवसेना का हिस्सा हैं।
क्या रहा पिछले चुनाव का रिजल्ट?
साल 2019 में शिवसेना ने कृपाल तुमाने को रामटेक सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। कृपाल तुमाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने किशोर उत्तमराव गजभिये को चुनावी मैदान में उतारा था। चुनावी नतीजों में कृपाल तुमाने ने किशोर उत्तमराव गजभिये को 1 लाख 26 हजार 783 वोट से हरा दिया था। इस दौरान शिवसेना प्रत्याशी को 5 लाख 97 हजार 126 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी किशोर उत्तमराव गजभिये को 4 लाख 70 हजार 343 वोट मिले।
पूर्व पीएम पी वी नरसिम्हा राव रहे दो बार के सांसद
साल 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने रामटेक सीट से पी वी नरसिम्हा राव को टिकट दिया था। उस चुनाव में उन्हें बंपर जीत मिली थी। उन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी शंकरराव दौलतराव गेदम को कुल 1 लाख 85 हजार 972 वोटों से शिकस्त दी। पी वी नरसिम्हा राव की सफलता को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें 1989 में भी टिकट दिया। इस बार भी नरसिम्हा राव चुनाव जीतने में सफल रहे। आगे चलकर उन्हें भारत का प्रधानमंत्री भी बनाया गया। साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्होंने भारत के 9वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। बता दें कि हाल ही में पी वी नरसिम्हा राव को भारत सरकार ने भारत रत्न देने की भी घोषणा की है।
शिवसेना की एंट्री
साल 1957 से लेकर 1998 तक रामटेक सीट पर कांग्रेस के एकछत्र राज के बाद साल 1999 में शिवसेना ने कदम रखा। इस चुनाव में कांग्रेस को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। सुबोध कुमार रामटेक सीट से शिवसेना के पहले सांसद बने। सुबोध मोहित 2004 का चुनाव भी जीत गए। 2007 में मोहिते के इस्तीफे के बाद उप-चुनाव हुए जिनमें शिवसेना को जीत मिली और प्रकाश जाधव सासंद बने। हांलाकि, 2009 में कांग्रेस ने वापसी की। लेकिन 2014 में शिवसेना ने वापसी कर ली। 2019 में भी शिवसेना ने चुनाव जीत लिया और कृपाल तुमान निर्वाचित हुए। बता दें कि कृपाल तुमाने अब एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना का हिस्सा हैं।
कैसा है जातिगत समीकरण?
रामटेक संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां दलित वर्ग में बुद्धिस्ट, गैर-बुद्धिस्ट के मुद्दों पर अक्सर राजनीतिक हलचल देखने को मिलती है। इस बार के चुनाव में अनुसूचित जाति और जनजाति से जुडे़ एक्ट का मुद्दा यहां की सियासत तय करेगा।
Created On :   21 March 2024 7:19 PM GMT