प्लैटिनम जुबली समारोह: 'देश में चलाया जा रहा राष्ट्र विरोधी नैरेटिव...', जगदीप धनखड़ ने क्यों किया लोगों को आगाह? इमरजेंसी और संविधान हत्या दिवस पर कही ये बात

देश में चलाया जा रहा राष्ट्र विरोधी नैरेटिव..., जगदीप धनखड़ ने क्यों किया लोगों को आगाह? इमरजेंसी और संविधान हत्या दिवस पर कही ये बात
  • राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह का हुआ आयोजन
  • कार्यक्रम में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
  • इमरजेंसी और संविधान हत्या दिवस पर दिया बड़ा बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बांग्लादेके हालात और भारत में इमरजेंसी काल पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने देश की सशक्त न्याय व्यवस्था की सराहना भी की।

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगाह करते हुए कहा कि देश में कुछ लोगों की ओर से साजिशन नैरेटिव चलाया जा रहा है। जिससे भारत में भी पड़ोसी देशों की तरह घटनाक्रम दोहराया जाए। उन्होंने कहा, " लोग जिम्मेदारी वाले पदों पर रहे हैं, फिर ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं? ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें देश तोड़ने को तत्पर हैं, राष्ट्र के विकास को पटरी से उतारना चाहती हैं।"

इमरजेंसी काल का किया जिक्र

उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था के मामलों में राज्य कोर्ट और चीफ जस्टिस की भूमिका सबसे अहम होती है। प्लैटिनम जुबली समारोह में जगदीप धनखड़ ने साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से देश में लगाए गए इमरजेंसी काल पर भी चर्चा की। उन्होंने इमरजेंसी को देश की इतिहास का सबसे काला दौर करार दिया। धनखड़ ने कहा, "सिवाय आपातकाल के न्यायपालिका में लोकतंत्र की मजबूती का योगदान सराहनीय है। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की मूल भावना को कूचला गया।"

संविधान हत्या दिवस पर कही ये बात

इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार का 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, "युवा पीढ़ी को आपातकाल के काले दौर से अवगत कराना जरूरी है। हमारी न्यायपालिका इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और आजादी एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई। यदि इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता।"

जगदीप धनखड़ ने लोकतंत्र में शक्तियों के बंटवारे के सम्मान पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "संसद न्यायिक निर्णय नहीं दे सकती, उसी तरह कोर्ट भी कानून नहीं बना सकते।"

Created On :   10 Aug 2024 4:35 PM GMT

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