लोकसभा की कार्यवाही: संविधान पर भाषण के बहाने अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला, PDA से लेकर देश की सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर घेरा
- लोकसभा में जारी शीतकालीन सत्र
- संविधान मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच चर्चा
- सपा चीफ अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा की गई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के चीफ और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव भी मौजूद रहें। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं को मेरा नमन है जिनकी वजह से आज देश एकजुट है।
भाषण के दौरान भाजपा पर साधा निशाना
स्पीच के दौरान सपा चीफ ने अपने सियासी समीकरण पीडीए पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें विविधता में एकता पर गर्व हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे लोग और कमजोर और खासकर पीडीए के लोगों के लिए संविधान जन्म मरण का विषय है। अखिलेश यादव ने कहा ये संविधान वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए है। संविधान देश की प्राण वायु के समान है। संविधान की प्रस्तावना संविधान का निचोड़ है।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने देश की सीमाओं को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा "देश की सीमाओं की रक्षा करना प्रथम कर्तव्य है। जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा में जहां पर समय समय पर सेंध लगती हो और हमारी माननयी मंत्री बेहतर जानते हैं कि कई जगहों पर सीमाएं सिकुड़ रही हैं।"
देश की सीमाओं को लेकर कसा तंज
सपा चीफ ने आगे कहा "हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं। न जाने कितना वहां गांवों की तरह घर बसा दिए गए हैं। लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। हम अपनी सीमा में पीछे हटे, चीन हमारी सीमा से आंशिक रूप से पीछे हटा है। वो देश हमें मानसरोवर जाने पर भी रोकने लगेगा।"
इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि देश अमीर और गरीब के बी गहरी खाई में बंट गया है। उन्होंने देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर चर्चा की। सपा चीफ ने कहा, "आर्टिकल 14 - कानून के समक्ष समानता - हो क्या रहा है? एक ही कानून किसी के लिए अलग, किसी के लिए अलग। अगर सत्ता पक्ष का व्यक्ति गेरुआ गमछा पहनकर गाली दे देत तो जी हुजूरी, अगर दूसरे पक्ष का व्यक्ति न्याय मांगने जाए तो उसको लाठी? ED का तो ऐसा कानून बना दिया गया है कि किसी को भी बंद कर दो।"
Created On :   13 Dec 2024 7:19 PM IST