सदन में चर्चा: मोदी की तुलना 'देदीप्यमान सूर्य' से, राज्यसभा में कुछ इस तरह राहुल गांधी पर भड़के शिवराज सिंह चौहान

मोदी की तुलना देदीप्यमान सूर्य से, राज्यसभा में कुछ इस तरह राहुल गांधी पर भड़के शिवराज सिंह चौहान
  • राहुल गांधी पर भड़के शिवराज सिंह चौहान
  • शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी की तारीफ की
  • शिवराज ने मोदी की तुलना 'देदीप्यमान सूर्य' से की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में 2 अगस्त (शुक्रवार) को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बजट पर बात करने के दौरान सदन में महाभारत का जिक्र करते हुए चक्रव्यूह की भी चर्चा की थी। इस मुद्दे को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी महाभारत की बात भी की तो उन्हें सिर्फ अधर्म ही दिखे। इसके अलावा पूर्व सीएम ने कहा, 'उनको याद भी आए तो शकुनि, चौपर और चक्रव्यूह। इन सभी का संबंध अधर्म से है। शकुनि तो धोखे के प्रतीक थे। चौसर में धोखे से ही हराया गया और चक्रव्यूह का मतलब घेरकर मारना। कांग्रेस को क्यों ये सब याद आते हैं।'

बता दें, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि महाभारत काल की जब हम बात करते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण की याद आने लगते हैं। जब-जब कोई धर्म को हानि पहुंचाने की कोशिश करेगा, तब-तब मैं आऊंगा। यह बात भगवान ने कहा था। साथ ही, शिवराज ने कहा कि पाप किसने बढ़ाया है। कांग्रेस के बारे में क्या ही कहें। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब रूस गए थे। तब वहां से एक मॉडल लाए थे और उसने कहा था इसे लागू करो। इसी दौरान 'भारत रत्न' चौधरी चरण सिंह ने इसके विरोध में कहा कि ऐसा ना किया जाए। दरअसल, नेहरू जी ने करीब 17 साल भारत के प्रधानमंत्री पद को संभाले थे। इसी दौरान आम लोगों को सड़ा हुआ गेहूं खाना पड़ा था। जो अमेरिका से आया था। फिर भी इंदिरा गांधी ने किसानों से लेवी वसूली की थी। राजीव गांधी सिर्फ बातें कही थी लेकिन किसानों के फायदे के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे।

किसानों के लिए 6 प्राथमिकताएं

पिछले 10 साल के यूपीएम शासन की बात करें तो पहले भारत की पहचान दुनिया में घोटालों वाले देश की रूप होता था। इसी बीच एक देदीप्यमान सूर्य उगा, जिसे सब नरेंद्र मोदी के नाम से जानते हैं। उनके नेतृत्व में प्राथमिकता बदलने का काम हुआ है। साथ ही, किसानों को खेती के लिए 6 प्राथमिकताएं दी। जिसमें कृषि की उत्पादकता बढ़ाना, किसानों के लिए लागत घटाना, फसलों का ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदा में उचित राहत राशि, खेती का विविधिरण करना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा यह लोग सिर्फ किसानों की बजट कम होने पर चर्चा करते हैं। हालांकि, सच तो यह है कि साल 2013-14 में कृषि का बजट 23 हजार करोड़ रुपये था। लेकिन अब यह बजट बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा सिंचाई का बजट भी अलग है, जिसे जलशक्ति मंत्रालय के तहत किया गया।

Created On :   2 Aug 2024 1:41 PM GMT

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