लोकसभा चुनाव 2024: चुनावी मैदान में डीएमके के साथ उतरेंगे 6 सहयोगी दल, पार्टियों के बीच तय हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला

चुनावी मैदान में डीएमके के साथ उतरेंगे 6 सहयोगी दल, पार्टियों के बीच तय हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला
  • तमिलनाडु में 6 दलों ने डीएमके के साथ किया गठबंधन
  • राज्य की लोकसभा सीटों पर तय हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला
  • प्रस्ताव पर गठबंधन के दलों ने किए हस्ताक्षर

डिजिटस डेस्क, नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव नजदीक है। प्रदेश की हर राजनीतिक पार्टी इसकी तैयारी में जुट गई है। इस बीच तमिलनाडु में वीसीके, एमडीएमके और 6 अन्य पार्टियों ने मिलकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र (डीएमके) के साथ सीट शेयरिंग पर मुहर लगा दी है। बता दें, साल 2019 में इन पार्टियों के बीच इसी फॉर्मूल पर सीटों का बंटवारा किया गया था। पिछले लोकसभा चुनाव की तरह एक बार फिर से उन्हें नौ सीटें देने की घोषणा की गई हैं। हालांकि, तमिलनाडु के कई प्रमुख दलों के साथ कांग्रेस की सीट शेयरिंग पर चर्चा नहीं हो पाई है। यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे की स्थिति की ओर रुख करें, तो तब डीएमके की ओर से कांग्रेस को 9 सीटें दी गई थी। उस दौरान इन 9 सीटों में से कांग्रेस ने 8 पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा डीएमके की अगुवाई वाले गठबंधन ने राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर जीत हासिल की थी।

डीएमके और अन्य दलों के साथ हुए समझौते के तहत विदुथलाई चिरुथगल काची (वीसीके) पार्टी को दो सीटें ऑफर की गई हैं। यह दोनों ही सीटें आरक्षित हैं। इसके अलावा वाइको की अगुवाई वाली मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के पाले में एक ही सीट आई है। ध्यान हो कि साल 2019 में राज्यसभा चुनाव के लिए एमडीएमके पार्टी को एक सीट भी ऑफर की गई थी।

इन पार्टियों को मिली इतनी सीट

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने सीपीआई (एम) और सीपीआई को भी दो-दो सीटें बांटी हैं। इसके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके) को एक-एक सीटों ऑफर हुई है। बता दें, तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र में केएमडीके पार्टी एक छोटा संघ है। इसे अन्नाद्रमुक पार्टी का गढ़ कहा जाता है।

डीएमके पार्टी के साथ साउथ के अभिनेता कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि दैयम (एमएनएम) ने भी गठबंधन किया है। मगर, एमएनएम पार्टी ने इस बार का लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो, डीएमके की तरफ से एमनएम को राज्यसभा की एक सीट ऑफर की जाएगी। इस समझौते के लिए डीएमके पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन और कमल हासन ने बैठक की थी। इसके बाद कमल हासन ने बयान दिया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी डीएमके पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन करेगी। कमल हासन ने यह भी कहा था कि देश को बचाना और लोकतंत्र की हिफाजत करने के लिए यह काफी मायने रखता है।

सीट शेयरिंग समझौते पर हुए हस्ताक्षर

डीएमके पार्टी के अन्ना अरिवलयम में वीसीके और एमडीएमके पार्टी के संस्थापकों थोल तिरुमावलवन और वाइको ने एक बैठक की थी। इसमें सीट शेयरिंग समझौते पर अंतिम फैसला लेने के बाद हस्ताक्षर किए गए थे। मीडियकर्मियों से बातचीत के दौरान वीसीके के नेता तिरुमावलवन ने कहा कि उनकी पार्टी चिंदबरम और विल्लुपुरम लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। इन दोनों सीटों पर इस पार्टी के सांसद काबिज है। पांच साल पहले ही चिदंबरम से तिरुमावलवन निर्वाचित हुए थे।

तिरुमावलवन का कहना है कि उनकी पार्टी ने एक सामान्य सहित तीन सीटों की मांग की थी। मगर, देश की राजनीतिक स्थिति और आगामी लोकसभा चुनाव में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत को सुनिश्चित करने के लिहाज से वीसीके को दो आरक्षित सीट देने का प्रस्ताव पेश किया गया है।

एमडीएमके संस्थापक ने दिया बयान

इस पर एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने बयान दिया कि डीएमके गठबंधन के साथ उनकी पार्टी की सीट शेयरिंग पर बात फाइनल हो गई है। साथ ही, तमिलनाडु की एक सीट पर उनकी पार्टी जल्द ही चुनाव लड़ने की घोषणा करेगी। वाइको ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग समझौते पर अंतिम फैसला हो चुका है। इस प्रस्ताव पर उन्होंने स्टालिन के साथ हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से "संतुष्ट" है।

बता दें, तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके राज्य में बहुदलीय धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) की अगुवाई करती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके ने अपने खाते में राज्य की 39 सीटों में से 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा पार्टी ने पुडुचेरी संसदीय सीट भी विजय रही थी।

Created On :   9 March 2024 7:03 PM IST

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