संस्कृति: भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि पर 'सही जाता उत्सव' का आयोजन गर्व की बात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि पर  सही जाता उत्सव का आयोजन गर्व की बात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के संस्कृति मंत्री सूर्य बंशी सूर्या के साथ शुक्रवार रात पुरी के गली-मोहल्लों का दौरा किया। पारंपरिक 'सही जाता उत्सव' का हिस्सा बने और बताया कि क्यों यह उनके लिए गर्व की बात है!

पुरी, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के संस्कृति मंत्री सूर्य बंशी सूर्या के साथ शुक्रवार रात पुरी के गली-मोहल्लों का दौरा किया। पारंपरिक 'सही जाता उत्सव' का हिस्सा बने और बताया कि क्यों यह उनके लिए गर्व की बात है!

मीडिया से बातचीत में धर्मेंद्र प्रधान ने इस सदियों पुरानी परंपरा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि पर इस तरह का सांस्कृतिक आयोजन गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि 'सही जाता उत्सव' में भगवान राम के अलग-अलग अवतारों की कहानियां नाटकों के जरिए जीवंत होती हैं। यह उत्सव रामनवमी से शुरू होकर एक महीने तक चलता है, जिसमें भगवान राम के दरबार की प्रतीकात्मक स्थापना की जाती है।

प्रधान ने युवाओं की इस उत्सव में सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी इस सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया, जिनके नेतृत्व में ‘डबल इंजन सरकार’ मॉडल ऐसी परंपराओं को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही, उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की भी तारीफ की, जिन्होंने इस तरह के आयोजनों को समर्थन दिया।

केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा के संस्कृति मंत्री सूर्य बंशी की खास जिम्मेदारी की सराहना की। उन्होंने बताया कि सूर्य बंशी ने यह सुनिश्चित किया कि सरकारी संसाधनों का उपयोग 'सही जाता उत्सव' को और भव्य बनाने में हो।

प्रधान ने कहा कि ओडिशा में सालभर में 13 त्योहार मनाए जाते हैं, जो इसकी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं। ये परंपराएं मंदिरों से गहराई से जुड़ी हैं। सरकार इन आयोजनों को लोगों तक पहुंचाने और इन्हें व्यापक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अपने संबोधन के अंत में धर्मेंद्र प्रधान ने पुरी के लोगों और भगवान जगन्नाथ के भक्तों का दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने उन सभी की प्रशंसा की, जो इस गौरवशाली परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं। इस उत्सव ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया, बल्कि पुरी में भक्ति और एकजुटता का माहौल भी बनाया।

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Created On :   12 April 2025 9:48 AM IST

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