राजनीति: पीएम मोदी ने वायनाड में आपदा पाड़ितों से की मुलाकात, बांटा दुख
वायनाड, 10 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वायनाड का दौरा किया, जहां उन्होंने आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इसके बाद, उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान की तस्वीरें सामने आई हैं, जो दिल को छूने वाली हैं।
तस्वीरों में पीएम मोदी के चेहरे पर लेशमात्र भी मुस्कान नहीं है। उनकी आंखें व्यथित हैं, और उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। वह घायलों के पास बैठे, उनके हाथ पकड़े, और उनकी बात सुनते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पीएम मोदी वायनाड के लोगों की दुखद स्थिति से व्यथित हैं। वह उनकी चिंता कर रहे हैं, उनके दुख को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
एक तस्वीर में पीएम मोदी अस्पताल में एक घायल बच्चे से मिल रहे हैं, जिसके चेहरे पर दर्द का निशान साफ-साफ दिखाई दे रहा है। पीएम मोदी के चेहरे पर भी दर्द के भाव हैं, वह बच्चे को सांत्वना देते हुए नजर आ रहे हैं। घायलों से पीएम मोदी की मुलाकात की इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर भावुक प्रतिक्रिया बटोरी हैं। यूजर्स पीएम मोदी की संवेदनशीलता और करुणा की प्रशंसा कर रहे हैं।
वायनाड के लोगों ने भी पीएम मोदी के इस दौरे की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की यह यात्रा उन्हें आशा और साहस देती है। पीएम मोदी की यात्रा एक बार फिर से साबित करती है कि वे एक ऐसे नेता हैं, जो अपने देश के लोगों की चिंता करते हैं, और उनके दुख में शामिल होते हैं।
प्रधानमंत्री से मिलते समय कई पीड़ित रो पड़े। उनकी कहानी सुनकर प्रधानमंत्री भी दुखी दिखे। प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को सांत्वना देते भी दिखे। प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने वालों में 16 वर्षीय हानी भी शामिल था, जिसने अपने परिवार के 11 सदस्यों को खो दिया है। वह भी प्रधानमंत्री मोदी से मिलते समय रो पड़ा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 वर्षीय लावण्या से भी मुलाकात की, जिसने अपने सभी प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने उसके सिर पर हाथ रखा और पीड़ित को सांत्वना दी। उन्होंने 8 वर्षीय अवंतिका से भी बातचीत की, जिसने अपनी दादी को छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया है। एक शख्स ने पीएम मोदी से कहा कि मेरे पास घर नहीं है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चिंता न करें। पीएम मोदी ने त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा।
बता दें कि वायनाड में 30 जुलाई को अत्यधिक भारी बारिश के कारण मुंडक्की, चूरालमाला, वेल्लारिमाला गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ। इस त्रासदी के बाद मोदी सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना, नौसेना, फायर सेवाएं, सिविल डिफेंस सहित 1200 से अधिक बचाव कर्मियों को तैनात किया। 100 से अधिक एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम तैनात की गई थी। इस त्रासदी में अब तक 416 लोगों के मारे जाने और 150 लोगों के लापता होने की खबर है।
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट का बेली पुल बनाया, जो भारी मशीनरी और एंबुलेंस की आवाजाही में महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस पुल का निर्माण महज 71 घंटों में पूरा हुआ था। दरअसल, भूस्खलन के बाद वायनाड के कई क्षेत्रों में संपर्क टूट गया था। ऐसे में भारतीय सेना ने अपनी क्षमता का परिचय देते हुए इस पुल का निर्माण किया है। इस पुल के निर्माण से बचाव कार्यों को गति मिली है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिली है। भारतीय सेना की यह उपलब्धि वास्तव में प्रशंसनीय है।
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Created On :   10 Aug 2024 6:06 PM IST