समाज: छत्रपति संभाजीनगर में केंद्र की योजनाओं से बदली लाभार्थियों की जिंदगी

केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं ने आम लोगों की जिंदगी में किस तरह सकारात्मक बदलाव लाया है, इसकी बानगी छत्रपति संभाजीनगर के कई परिवारों में देखने को मिल रही है। चाहे बात स्वरोजगार की हो, वृद्धजनों की सुरक्षा की या फिर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की। इन योजनाओं ने लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

छत्रपति संभाजीनगर, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं ने आम लोगों की जिंदगी में किस तरह सकारात्मक बदलाव लाया है, इसकी बानगी छत्रपति संभाजीनगर के कई परिवारों में देखने को मिल रही है। चाहे बात स्वरोजगार की हो, वृद्धजनों की सुरक्षा की या फिर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की। इन योजनाओं ने लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

छत्रपति संभाजीनगर के हनुमान नगर की रहने वाली वैशाली दीपक कड़वे ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 4.5 लाख रुपए का लोन लेकर अपनी सिलाई की दुकान शुरू की। इस राशि से उन्होंने सिलाई मशीनें खरीदीं और किराए पर दुकान ली। आज वैशाली न केवल खुद कमाई कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं।

वैशाली ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि अब उनके पास कंपनियों के बड़े ऑर्डर आते हैं, जिससे उनकी मासिक आमदनी में अच्छा इजाफा हुआ है। वह कहती हैं, "पहले दूसरों के यहां काम करती थी, अब खुद लोगों को काम देती हूं। बिना किसी रिश्वत के मुझे यह लोन मिला।"

भागवत तुकाराम निकालजे, जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और वृद्ध पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। वे बताते हैं कि पिछले 7 सालों से उन्हें मुफ्त में राशन मिल रहा है, जिसमें गेहूं और चावल प्रमुख हैं। साथ ही पेंशन भी सीधे उनके खाते में आ रहा है।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, "बुजुर्ग हूं, काम नहीं कर सकता, लेकिन सरकार की योजनाओं से हमारा अच्छे से गुजारा हो रहा है।"

छत्रपति संभाजीनगर की घरेलू कामगार महिलाएं बताती हैं कि पहले वे समूह में पैसे जमा करती थीं, जिससे विवाद होते थे, लेकिन जनधन योजना के तहत उन्हें बैंक खाता, पासबुक और एटीएम मिल गया है। अब वे बिना किसी शुल्क के खाते खोल पा रही हैं और योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। निकिता राजेंद्र और रंजना गोविंदा जैसी महिलाएं कहती हैं कि अब लाडकी बहन योजना के पैसे भी उनके खातों में सीधे आते हैं, जिससे वे अपने बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च संभाल पा रही हैं।

धोबी का काम करने वाले नारायण सुदाम राव भागवत का कहना है कि पहले उनका घर टिन के शेड और पत्थरों से बना हुआ था, जिसमें बारिश के दौरान पानी भर जाता था। प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली आर्थिक मदद से उन्होंने नया आरसीसी घर बनवाया और उसी में अपनी दुकान भी खोल ली। नारायण ने बताया, "बिना किसी रिश्वत के मुझे योजना का लाभ मिला और अब अपने घर में सम्मान से रह रहा हूं।"

न्यू हनुमान कॉलोनी की उषा विलास पहले मिट्टी के तेल और लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाती थीं, जिससे धुआं फैलता था। उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में गैस कनेक्शन मिलने के बाद अब वह आसानी से गैस पर खाना बनाती हैं। उषा की बेटी बताती है कि कोरोना काल में मुफ्त सिलेंडर भी मिले और अब सब्सिडी मिलती है। गैस की बुकिंग अब मोबाइल से हो जाती है और सिलेंडर घर पर पहुंच जाता है।

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Created On :   11 April 2025 9:23 PM IST

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