आपदा: हिमाचल प्रदेश समेज में बादल फटने से 6 छात्र बहे, स्कूल का भवन मलबे में तब्दील

हिमाचल प्रदेश  समेज में बादल फटने से 6 छात्र बहे, स्कूल का भवन मलबे में तब्दील
हिमाचल प्रदेश में शिमला जिले के समेज गांव में शुक्रवार को बादल फटने से एक माध्यमिक विद्यालय की इमारत बह गई। इस हादसे में 12 से 18 वर्ष की आयु के छह छात्र बह गए।

शिमला, 2 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में शिमला जिले के समेज गांव में शुक्रवार को बादल फटने से एक माध्यमिक विद्यालय की इमारत बह गई। इस हादसे में 12 से 18 वर्ष की आयु के छह छात्र बह गए।

यह घटना श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने की घटना के एक दिन बाद हुई, जिससे समेज, गानवी और कुर्बन क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आ गई। नतीजतन, शिमला जिले के रामपुर उपखंड में समेज खड्ड में जलस्तर काफी बढ़ गया।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। भूस्खलन से माध्यमिक विद्यालय की इमारत मलबे में तब्दील हो गई। गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय की इमारत भी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गई। इस बीच, पास के एक घर की ऊपरी मंजिल भी बह गई।

इससे पहले, राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भारी बारिश और बादल फटने से राज्य में भारी नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस और होमगार्ड राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं, लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इससे पहले शिमला जिले के रामपुर के झाकड़ी क्षेत्र से सटे समेज गांव में बादल फटने से 36 लोग लापता हैं। 31 जुलाई की देर रात से ये 36 लोग लापता हैं। इन लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 5:30 बजे बचाव कार्य शुरू किया। डीसी अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी सुबह ही मौके पर पहुंच गए। इसके बाद उपायुक्त ने पूरे बचाव अभियान की निगरानी की और पल-पल की रणनीति बनाकर काम को गति दी।

क्षेत्रीय मौसम विभाग ने गुरुवार को पहाड़ी राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश, गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। बारिश का यह दौर 6 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है।

मौसम विभाग ने कुल्लू, सोलन, सिरमौर, शिमला और किन्नौर जिलों के संवेदनशील इलाकों में संभावित भूस्खलन और अचानक बाढ़ की चेतावनी दी है। निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, खड़ी फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने का भी खतरा है।

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Created On :   2 Aug 2024 3:17 PM IST

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