मंदी का असर, YES बैंक ने 2500 कर्मचारियों को bye-bye कहा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। YES बैंक ने अपने दस फीसदी (2,500) कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। YES बैंक में कुल 21000 कर्मचारी काम करते हैं। बैंक ने बताया खराब प्रदर्शन, डिजिटाइजेशन की वजह से कर्मचारियों की छंटनी की गई है। देश के निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी के बाद दूसरी बड़ी छंटनी है। इससे पहले एचडीएफसी बैंक ने मार्च 2017 तक की तीन तिमाहियों में करीब 11,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था।
कार्यक्षमता के आधार पर हुई छंटनी
YES बैंक के प्रवक्ता ने बताया बैंक के नियमित पूंजीगत प्रबंधन के तहत हम अधिक उत्पादकता और कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हैं। इस आधार पर बैंक समय-समय पर अपने कर्मचारियों की कार्यक्षमता के आधार पर फैसले लेते हैं। सामान्य मूल्यांकन के तहत हम हर साल सबसे खराब प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की पहचान करते हैं। छंटनी की यह प्रक्रिया निजी क्षेत्र के दूसरे बैंकों की ही तरह है।
अन्य बैंकों के बराबर ही है अट्रिशन रेट
बैंक ने बताया कि उसका अट्रिशन रेट (नौकरी छोड़ने की दर) बैंकिंग उद्योग के औसत के बराबर है। भारतीय बैंकिंग उद्योग में सालाना अट्रिशन रेट 16-22 फीसदी है। जून के अंत तक YES बैंक के कर्मचारियों की संख्या 20,851 थी। बैंक ने बताया, "हम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर भी काम कर रहे हैं। इसमें ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन को बढ़ाया जा रहा है। इसका मकसद उत्पादकता बढ़ाना और लागत कम करना है। हम बेहतर कस्टमर सर्विस बनाए रखने पर भी ध्यान देंगे।" बैंक ने अनुमान जताया इससे भी कई कर्मचारियों की जरूरत खत्म हो सकती है।
हैरान करने वाला फैसला
YES बैंक के इस कदम ने कई लोगों को हैरान कर दिया है, क्योंकि हाल ही में बैंक के प्रमुख राणा कपूर ने वरिष्ठ प्रबंधन को लिखे पत्र में शाखाओं की संख्या बढ़ाकर 1,800 करने की बात की थी। फिलहाल बैंक की 1,020 शाखाएं कार्यरत हैं। कपूर ने लिखा था बैंकिंग सेक्टर के लिए सबसे बड़ा रिस्क यह है कि ब्रांच, एटीएम, कार्ड्स, पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल्स जैसे फिजिकल एसेट्स की जरूरत खत्म हो सकती है। इसलिए हमें समझदारी के साथ विस्तार करना होगा। बैंक इन दिनों कार्यक्षमता बढ़ाने के वैकल्पिक उपायों पर ध्यान दे रहे हैं।
Created On :   21 Sept 2017 8:02 PM IST