नबन्ना मार्च: कौन हैं ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले तीन छात्र, कोलकाता रेप-हत्या कांड में रखी हैं ये मांगें
- डॉक्टर के इंसाफ की मांग के लिए निकाला मार्च
- कौन हैं तीन मुख्य छात्र?
- क्या है उनका मकसद?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए आज छात्र सड़क पर उतर गए हैं। हावड़ा में सविचालय की नई इमारत 'नबन्ना' को घेरने की पूरी तैयारी है। यह विरोध मार्च "पश्चिम बंगाल छात्र समाज" के छात्रों ने निकाला है। जिसको रोकने के लिए ममता सरकार जुटी पड़ी है और पूरी तैयारियां कर ली है। करीब छह हजार या उससे ज्यादा पुलिस कर्मी इस मार्च को रोकने के लिए लगे हैं। साथ ही दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी भी कर दी गई है। लेकिन ममता सरकार को घेरने वाला छात्र संगठन और वो तीन छात्र हैं कौन जो इस मार्च के लीडर हैं?
कौन हैं मुख्य तीन छात्र?
विरोध मार्च को लीड करने वाले तीन मुख्य छात्र हैं जो ट्रेनी डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। इस छात्र संगठन की तरफ से सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। इन तीन मुख्य छात्रों के नाम शायन लाहिड़ी, शुभांकर हलदर, पलाश घोष हैं।
कोलकाता विरोध मार्च के तीन मुख्य छात्रों में से पहला छात्र
कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग करने वाला शायन लाहिड़ी मकाउत से एमबीए कर रहे हैं। वह जाधवपुर के रहने वाले हैं। इसके अलावा वह आशुतोष कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करते हुए टीएमसीपी के सदस्य बने। साथ ही जेयू पोस्ट ग्रेजुएशन करते समय वह छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े। लेकिन अब उन्होंने किसी भी तरीके के संबंध होने से मना कर दिया है। अब वह पश्चिम बंगाल छात्र समाज नाम के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
कोलकाता विरोध मार्च के तीन मुख्य छात्रों में से दूसरा छात्र
छात्र आंदोलन को लीड करने वाले शुभांकर नबादविप के रहने वाले हैं। वह कल्याणी यूनिवर्सिटी से बी.एड कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कहा था कि आरएसएस के प्राउड मेंबर के अलावा उनकी कोई पहचान नहीं है। साल 2008 में वह टीएमसीपी के सदस्य थे। जिसके बाद साल 2011 में वह कॉलेज कमेटी के मेंबर बने। हालांकि उनके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज हो गया था जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। साल 2011 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और छात्र संगठन एबीवीपी के नबादविप यूनिट के अध्यक्ष बन गए। साथ ही शुभांकर ने बताया कि उनके खिलाफ करीब 32 मामले दर्ज हैं। और वह तीन बार गिरफ्तार भी हो चुके हैं।
कोलकाता विरोध मार्च के तीन मुख्य छात्रों में से तीसरा छात्र
डॉक्टर के लिए इंसाफ मांगने वाले पलाश घोष हावड़ा के रहने वाले हैं। वह नरसिंहा दत्त विश्विद्यालय से बंगाली साहित्य में बीए ऑनर्स कर रहे हैं। उनका राजनीतिक दल के छात्र विंग से किसी भी प्रकार का कोई नाता नहीं रहा है।
क्या हैं प्रदर्शकारियों की मांगें?
प्रदर्शनकारियों की सिर्फ तीन ही मांगे हैं। जिसमें पीड़िता के लिए न्याय उनका मुख्य मकसद है। इसके अलावा वह अपराध में शामिल लोगों और उनको बचाने की कोशिश करने वाले लोगों की सजा चाहते हैं। स्वास्थ्य और पुलिस मंत्री के रूप में उनकी विफलता के लिए सीएम ममता बनर्जी का इस्तीफा चाहते हैं।
विरोध मार्च बुलाने वाले लोगों का कहना है कि वह नहीं चाहते हैं कि किसी भी पार्टी का कोई नेता इसमें शामिल होकर आंदोलन का नेतृत्व करे। उन्होंने पहले विपक्षी नेताओं से बिना पार्टी के झंडे के मार्च में शामिल होने की अपील की थी। साथ ही शायर लाहिड़ी ने फाइव स्टार होटल में टीएमसी के भाजपा नेता से बातचीत के दावे से भी इन्कार किया है। उन्होंने इन्कार करते हुए कहा कि उन्हें इसकी किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है।
Created On :   27 Aug 2024 12:59 PM IST