Nirbhaya Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषियों की याचिका, निर्भया को मिला इंसाफ
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- कल सुबह 5.30 बजे चारों दोषियों को दी जाएगी फांसी
- गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी की सजा को बरकरार रखा है
- दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच कर रही सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खरिज कर दी है। ऐसे में आखिरकार 7 साल 3 महीने और तीन दिन बाद तय हो गया है कि सुबह 5.30 बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि याचिका में राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा की गुंजाईश कम है। साथ ही बेंच ने कहा कि एक ही दलील बार-बार दोहराई जा रही है, जिसका कोई आधार नहीं है।
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषियों की आखिरी चाल भी फैल हो गई है। दोषियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट के जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने इनकी याचिका खारिज कर दी है। अब ऐसे में तय माना जा रहा है कि दाेषियों को फांसी होगी ही।
बता दें कि दोषियों को फांसी से बचाने के लिए वकील ने जी जान से कोशिश की। अब दोषियों के वकील ने देर रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दोषियों के वकील एपी सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बैंच रात ढाई बजे पहुंच गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में सुनवाई हो रही है।
हाई कोई में वकील ने बताया कि दोषियों की याचिकाएं लंबित हैं
सुनवाई के दौरान वकील एपी सिंह ने दलील दी कि दोषियों द्वारा कई याचिकाएं दायर की गई हैं और वे अभी तक लंबित हैं। सिंह ने पवन गुप्ता के स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (एसएलसी) का हवाला देते हुए अपराध के समय उसके नाबालिग होने की भी दलील दी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की ओर से नाबालिग वाली दलील को खारिज किया जा चुका है।
दोषी के वकील ने राष्ट्रपति पर पूर्वाग्रह के साथ काम करने का आरोप लगाया
दोषियों के एक अन्य वकील शम्स ख्वाजा ने कहा कि राष्ट्रपति ने पूर्वाग्रह के साथ काम किया है, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से यौन उत्पीड़न के दोषियों को मौत की सजा पर अपनी भावनाओं को उजागर किया था।
दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म
बता दें कि निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाया जाना है। निर्भया के गुनहगारों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। लिहाजा पहले गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उनके डेथ वारंट रद्द करने वाली याचिका खारिज की और इसके बाद अब हाईकोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी है। इसलिए इस बार चारों दोषियों को निर्धारित समय पर फांसी दिया जाना लगभग तय है।
Created On :   19 March 2020 11:02 PM IST
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