Jagannath Rathyatra: पुरी के राजा ने सोने के झाड़ू से की सफाई, निभाई 'छेरा-पहंरा' परंपरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना काल में भी धार्मिक पंरपरा की पहचान ओडिशा के पुरी की रथयात्रा नहीं थमीं। सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद आज मंगलवार ( 23 जून) को सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोर्ट की सभी शर्तों का पालन करते हुए भक्तों की अनुपस्थिति में पहली बार भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा मंगलवार को शुरू हुई। इस दौरान पुजारियों ने मंगलवार भोर में मंगल आरती का आयोजन किया। शंखनाद की ध्वनि, झांझ और ढोलक की थाप के साथ मंदिरों से देवताओं को रथ पर बिठाकर यात्रा की शुरुआत की गई।
तीनों देवताओं को तीन पारंपरिक तौर पर बने लकड़ी के रथ- नंदीघोसा (जगन्नाथ के लिए), तलाध्वजा (बलभद्र के लिए) और देवदलन (सुभद्रा के लिए) पर बिठा कर ले जाया गया। जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा के दौरान पुरी के राजा गजपति महाराज ने सोने के झाडू से सफाई करके "छेरा-पहंरा" की परंपरा निभाई।
#WATCH Odisha: The King of Puri Gajapati Maharaj Dibyasingha Deb sweeps the chariots with a broom having a gold handle, as part of the ‘Chhera Pahanra’ ritual, during the #RathYatra at Puri"s Jagannath Temple. pic.twitter.com/THZ10CenOg
— ANI (@ANI) June 23, 2020
- फिलहाल पुरी के राजा गजपति महाराज रथयात्रा में भाग लेने के लिए पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंच गए हैं। वह "छेड़ा पहंरा" की रस्म निभाएंगे। इस दौरान वह रथ पर झाड़ू लगाएंगे, जिसमें सोने का हैंडल लगा होगा।
Odisha: The King of Puri Gajapati Maharaj Dibyasingha Deb arrives at the Jagannath Temple in Puri to participate in the Rath Yatra. He will perform the ‘Chhera Pahanra’ ritual where he will sweep the chariots with a broom having a gold handle. pic.twitter.com/rm4cDTzB7d
— ANI (@ANI) June 23, 2020
500 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे
रथयात्रा को लेकर पुरी और अहमदाबाद में खासा गहमागहमी और उत्साह नजर आ रहा है, लेकिन हमेशा की तरह इस साल भीड़ नहीं नजर आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के अनुसार, रथ यात्रा में 500 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। रथ को केवल मंदिर के सेवादार ही खीचेंगे और यात्रा में उन्हीं लोगों के शामिल होने की अनुमित होगी जिनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आएगी। रथ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि जो भी लोग इस रथ यात्रा में शामिल होंगे सबका कोविड-19 टेस्ट होना चाहिए। सभी सेवायत का कोरोना वायरस टेस्ट हुआ है, एक सेवायत पॉजिटिव आया है, उसे रथयात्रा में शामिल होने नहीं दिया गया है: प्रताप जेना, ओडिशा के कानून मंत्री pic.twitter.com/9M84P8I5ll
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2020
अहमदाबाद में भी जगन्नाथ की रथ यात्रा
वहीं, गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा मंदिर परिसर में ही निकाली जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भक्तों को मंदिर परिसर में ही दर्शन की इजाजत है। सुबह मंगला आरती के बाद गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। परंपरा के मुताबिक सोने के झाड़ू से सफाई की।
LIVE Update:
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सैनिटाइजेशन।
Odisha: Sanitisation conducted at Jagannath Temple in Puri earlier today. #RathYatra is being carried out today in Puri after Supreme Court granted permission to hold annual chariot festival amid #COVID19 pandemic. No more than 500 ppl allowed to pull chariots as per SC"s order pic.twitter.com/DbKaCJEMdG
— ANI (@ANI) June 23, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि श्रद्धा और भक्ति से भरी यह यात्रा देशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य लेकर आए। जय जगन्नाथ!
My heartiest greetings to all of you on the auspicious occasion of Lord Jagannath"s Rath Yatra. I wish that this journey filled with reverence devotion brings happiness, prosperity, good luck and health to the lives of the countrymen: PM Modi pic.twitter.com/FyXY7GOdfj
— ANI (@ANI) June 23, 2020
#WATCH Odisha: Priests and "sevayats" taking the idol of Lord Balabhadra to chariot for the #RathYatra from Jagannath Temple in Puri. pic.twitter.com/ohoWKlTwmm
— ANI (@ANI) June 23, 2020
भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को पुजारी और सेवादार रथ की तरफ लेकर आ रहे हैं।
#WATCH Idol of Lord Jagannath being brought to the chariot by priests and "sevayats" for the Rath Yatra from Jagannath Temple in Puri#Odisha pic.twitter.com/b26LHX2jAi
— ANI (@ANI) June 23, 2020
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा की तैयारियां जारी हैं। रथ यात्रा के लिए मंदिर में पुजारी इकट्ठा हो गए हैं।
Odisha: Preparations underway for #RathYatra at Puri Jagannath Temple. Supreme Court yesterday granted permission to hold the annual chariot festival this year amid #COVID19 pandemic. No more than 500 people will be allowed to pull the chariots as per SC"s order. pic.twitter.com/q9stqdPitO
— ANI (@ANI) June 23, 2020
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और रथ यात्रा में हिस्सा लिया। बता दें कि इस बार रथ यात्रा मंदिर परिसर में ही हो रही है। सीएम रूपाणी ने कहा, हाई कोर्ट में सोमवार देर रात तक सुनवाई जारी रही लेकिन कोरोना के कारण हमें रथ यात्रा की अनुमति नहीं मिली। मैं मंदिर के ट्रस्टी और महंत को हालात को समझने और मंदिर परिसर के अंदर ही रथ यात्रा की व्यवस्था करने के लिए धन्यवाद देता हूं।
Hearing continued at the High Court till late last night but we could not get permission for #RathYatra due to #COVID19. I thank the Trustee Mahant of the temple for understanding the situation arranging Rath Yatra inside the temple premises: Vijay Rupani, Gujarat CM https://t.co/GEDFKyqnSE pic.twitter.com/DTOtFuZ3r9
— ANI (@ANI) June 23, 2020
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में रथ यात्रा निकालने की इजाजत देते हुए 11 दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें कर्फ्यू भी शामिल है। ओडिशा सरकार ने कहा, सार्वजनिक उपस्थिति के बिना उत्सव का संचालन संभव है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर रास्ता साफ किया। SC के दिशानिर्देश रथ यात्रा की अवधि के दौरान जारी रहेंगे।
शीर्ष अदालत ने पुरी में प्रवेश मार्गो को बंद करने का आदेश दिया और कर्फ्यू लगाने को भी कहा। जिसके बाद सोमवार रात 9 बजे से ही पुरी में कर्फ्यू लगा दिया गया, जोकि बुधवार दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा, इस दौरान किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। पुरी रथ यात्रा के दौरान हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों आदि के सभी प्रवेश बिंदुओं को बंद कर दिया जाएगा।
बता दें कि, शीर्ष अदालत ने 18 जून को कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए एहतियात के तौर पर रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, अगर हमने इस साल रथ यात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम नहीं हो सकता है।
इसके बाद सोमवार को फिर से सुनवाई में पीठ ने कहा, रथ यात्रा के दौरान पुरी में कर्फ्यू लगाया जाए। रथों को खींचने वाले यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और यात्रा के बाद भी सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखें। इसके अलावा, हर रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींच सकते। दो रथों को खींचने के बीच में एक घंटे का अंतर होना चाहिए। इन सभी का कोरोना टेस्ट होना चाहिए।
इसके अलावा रथ यात्रा और सभी रस्मों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कवर करने की इजाजत देने की बात भी कही गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रथ यात्रा में आने वाले सभी लोगों का रिकॉर्ड रखा जाए और मेडिकल टेस्ट के बाद उनकी सेहत की जानकारी को भी दर्ज किया जाए।
Created On :   23 Jun 2020 8:37 AM IST