कथित नफरत भरे भाषणों से संबंधी याचिकाओं पर हाईकोर्ट का नोटिस
- पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 22 मार्च की तारीख निर्धारित की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 की दिल्ली हिंसा के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध से जुड़े अभद्र भाषा बोलने के आरोपों पर विभिन्न राजनेताओं और अन्य के खिलाफ याचिकाओं पर सोमवार को प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता शेख मुज्तबा और लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ ने प्रतिवादियों से जवाब मांगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें मामले से जोड़ा जाना चाहिए या नहीं।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें बेवजह फंसाया नहीं जा सकता।
याचिकाकर्ता मुज्तबा ने याचिका में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा को प्रतिवादी के रूप में पेश करने की मांग की, जबकि लॉयर्स वॉयस ने 20 लोगों को मामले से जोड़ने की मांग की।
इन 20 प्रस्तावित नामों में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, वारिस पठान, अकबरुद्दीन ओवैसी, महमूद प्राचा, हर्ष मंदर, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, स्वरा भास्कर, उमर खालिद, मौलाना हबीब उर रहमान, मोहम्मद दिलवार, मौलाना श्रेयर रजा, मौलाना हमूद रजा, मौलाना तौकीर, फैजुल हसन, तौकीर रजा खान और बी.जी. कोलसे पाटिल शामिल हैं।
पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 22 मार्च की तारीख निर्धारित की।
अदालत ने हाल ही में मुज्तबा और लॉयर्स वॉयस को विभिन्न राजनेताओं द्वारा नफरत वाले भाषण देने के आरोप पर अपनी दलीलों में उचित और आवश्यक पक्षों को शामिल करने की स्वतंत्रता दी थी।
(आईएएनएस)
Created On :   28 Feb 2022 2:30 PM GMT