इनफ्लूएंजा के चलते कोरोना जैसे हालात, कई जगह आई लॉकडाइन की नौबत! पुडुचेरी में स्कूल बंद का एलान, बढ़ते मामलों पर एक्सपर्ट ने बताया खुद को बचाने का ये प्लान
- किसके लिए हो सकता है खतरा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी का पूरी तरह से सफाया हुआ नहीं था कि एच3एन2 वायरस अपना कहर बरपाने लगा है। यह वायरस लगातार अपने पांव पसराता जा रहा है। जिसकी जद में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार पूरी तरह एक्टिव हो गई है। खतरे को देखते हुए पुडुचेरी की सरकार ने अगले आदेश तक स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों पर रोक लगा दी है।
पुडुचेरी की सरकार का अहम फैसला
पिछले कुछ दिनों में भारत में एच3एन2 वायरस के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि भीड़भाड़ से दूर रहे और ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। एच3एन2 के बढ़ते मामले को देखते हुए पुडुचेरी सरकार ने पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद कर दिए हैं। सरकार स्वास्थ्य विशेषज्ञों से राय लेते हुए राज्य में 16 मार्च से लेकर 26 मार्च तक के लिए सारे स्कूल बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश के शिक्षा मंत्री नमास्सिवयम ने कहा कि इंफ्लुएंजा के मामले में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसको देखते हुए यह अहम फैसला लिया गया है ताकि इसके बढ़ते मामलों में कमी आ सके और बच्चे सुरक्षित घर पर रहें।
एच3एन2 वायरस पर मथापच्ची
वहीं गोवा सरकार भी इस पूरे मामले पर बैठक करने जा रही है। ताकि राज्य में संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि एच3एन3 पर सरकार मंगलवार यानी 21 मार्च को अहम बैठक करने वाली है। साथ ही राज्य सरकार केंद्र सरकार से संपर्क साधे हुए है ताकि उसके दिशानिर्देशों का सही तरीके से पालन किया जा सके। हालांकि, गोवा में अब तक एक भी एच3एन2 वायरस का केस रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया है।
क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
एक्सपर्ट के मुताबिक, इन्फलुएंजा के मामलों में बढ़ोत्तरी सामान्य सी बात है। दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने इन्फलुएंजा के बढ़ते मामलों पर एएनआई से बताचीत में बताया था कि कोरोना की वजह से इस वायरस के मामले सामने नहीं आ रहे थे। जिसका कारण रहा देश में लॉकडाउन। इसी वजह से बच्चों में इनफ्लुएंजा के मामले नहीं आ रहे थे। लेकिन अब सामान्य परिस्थितियां होने पर एक बार फिर से ये केस सामने आने लगे हैं, जो सामान्य बात है।
किसके लिए हो सकता है खतरा?
एएनआई से बातचीत में इनफ्लुएंजा पर डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने कहा था कि "लॉकडाउन के चलते दो सालों में बच्चों में इनफ्लुएंजा के मामले नहीं हुए। अब एक बार फिर से गतिविधि सामान्य हो गई है। यही वजह है कि एच3एन2 वायरस, जो कि इनफ्लुएंजा का नॉर्मल वेरिएंट है, जो बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।"
डॉ गुप्ता ने आगे कहा था कि, "एच3एन2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और एक हल्का म्यूटेशन है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। वायरस कोई भी हो, अगर साथ में कोई और बीमारी है तो मौत की आशंका अधिक हो जाती है। एच3एन2 के खिलाफ वैक्सीन का असर कम है और इस साल हमारा टीकाकरण भी कम है।"
खुद का कैसे रखे ध्यान?
इस पूरे मामले पर एक्सपर्ट ने लोगों को हिदायत दी है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस अपना ख्याल रखे और कोरोना में जैसे अपने आप को संभाला और ध्यान रखा था ठीक वैसे ही इस मामले में भी खुद का ख्याल रखे। तभी एच3एन2 वायरस से बचा जा सकता है।
Created On :   15 March 2023 9:31 AM GMT