कब उठेगा लाल बहादुर शास्त्री के अंतिम सफर से जुड़े राज

ex prime minister Lal Bahadur Shastris death secrets opened from RTI
कब उठेगा लाल बहादुर शास्त्री के अंतिम सफर से जुड़े राज
नहीं सुलझा राज कब उठेगा लाल बहादुर शास्त्री के अंतिम सफर से जुड़े राज
हाईलाइट
  • अनसुलझे हैं लाल बहादुर शास्त्री के अंतिम वक्त के राज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। रोहित चौधरी की आरटीआई पर मिली शास्त्री की मेडिकल रिपोर्ट में कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक शास्त्री जी मौत के आधे घंटे पहले तक बिल्कुल ठीक थे, लेकिन कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई। इके साथ ही RTI में शास्त्री जी की मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग भी की गई है। बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री की मौत 10 जनवरी 1966 को हुई थी। 02 अक्टूबर 1904 को हुआ था जन्म।

RTI में पूछे गए सवाल-

- शास्त्री की मौत की जांच रिपोर्ट को लेकर जानकारी मांगी ।
- जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई ? जबकि, शास्त्री जी का परिवार भी रहस्य के बारे में जानना चाहता है। यहां तक कि उनके पोते ने भी मौत के कारणों को जानने के लिए इसकी मांग की थी।

RTI में मिला जवाब-

- लाल बहादुर शास्त्री मरने से 30 मिनट पहले तक बिल्कुल ठीक थे। 15 से 20 मिनट में अचानक तबीयत खराब हुई और उनकी मौत हो गई। शास्त्री की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया था।

- जवाब के मुताबिक, शास्त्री 10 जनवरी 1966 की रात 12.30 बजे तक ठीक थे। इसके बाद तबीयत खराब होने पर वहां मौजूद लोगों ने डॉक्टर को बुलाया।
डॉक्टर आरएन चग के मुताबिक शास्त्री की सांसें तेज चल रही थीं। इसके बाद डॉक्टर ने इंट्रा मस्कूलर इंजेक्शन दिया।

- इंजेक्शन देने के तीन मिनट के बाद शास्त्री का शरीर शांत होने लगा। सांसें थमने सी लगीं। इसके बाद तुरंत ही सोवियत डॉक्टर को बुलाया गया। लेकिन इलाज शुरू होते ही शास्त्री जी की सांस पूरी तरह थम गई।

पत्नी ने जताई थी हत्या की आशंका

शास्त्री की मौत के बाद उनकी पत्नी ललीता शास्त्री ने दावा किया था कि उनके पति को जहर देकर मारा गया है। उनके बेटे सुनील शास्त्री ने भी कहा था कि उनके पिता की बॉडी पर नीले निशान थे। साथ ही उनके शरीर पर कुछ कट्स भी थे।

मौत से जुड़े अन्य पहलू

आपको बता दें कि शास्त्री की मौत 11 जनवरी 1966 को हुई थी। इससे पहले वो पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग को खत्म करने के लिए वह समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद गए थे। 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के लगभग 12 घंटे बाद उनकी मौत हो गई। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कहा जाता रहा है कि उनकी हार्ट अटैक से हुई है। शास्त्री को हार्ट संबंधी बीमारी पहले से थी और 1959 में उन्हें एक हार्ट अटैक भी आया था। इसके बाद उन पर उनके परिजन और दोस्त ने उन्हें कम काम करने की सलाह देते थे। लेकिन 9 जून, 1964 को देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद उन पर काम का दबाव बढ़ता ही गया। भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में अप्रैल से 23 सितंबर के बीच 6 महीने तक युद्ध चला। युद्ध खत्म होने के 4 महीने बाद जनवरी, 1966 में दोनों देशों के शीर्ष नेता तब के रूसी क्षेत्र में आने वाले ताशकंद में शांति समझौते के लिए रवाना हुए। पाकिस्तान की ओर से राष्ट्रपति अयूब खान वहां गए। 10 जनवरी को दोनों देशों के बीच शांति समझौता भी हो गया। इसके बाद उनकी मौत हो गई।

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन

- लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।

- लाल बहादुर शास्त्री को वाराणसी के काशी विद्या पीठ की तरफ से मिली स्नातक की डिग्री का नाम ‘शास्त्री’ था जो कि लोगों के दिमाग में उनके नाम के एक हिस्से के रूप में बस गया।

- 1927 में उनकी शादी हो गई। लाल बहादुर शास्त्री 1930 में दांडी यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कई विद्रोही अभियानों का नेतृत्व किया और सात साल तक ब्रिटिश जेलों में रहे।

- 1946 में जब कांग्रेस सरकार का गठन हुआ तो इस ‘छोटे से डायनमो’ को देश के शासन में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए कहा गया। उन्हें अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही वे गृह मंत्री के पद पर भी आसीन हुए।

- उन्होंने 1951 में नई दिल्ली आकर केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला। वे  रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री भी रहे।

Created On :   16 March 2018 1:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story