बीएसएफ की खोजी डॉग हुई प्रेग्नेंट, सीमा चौकी पर मचा हड़कंप, तीन बच्चों के जन्म के बाद मची अफरातफरी तो अफसरों ने दिए जांच के आदेश
डिजिटल डेस्क, शिमला। अभी तक आप बिना शादी के किसी भी युवती के प्रेग्नेंट होने पर तनाव होने की खबर सुनते आ रहे थे लेकिन अब एक और ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसके बारे में आप जानकर दंग रह जाएंगे। दरअसल, मेघालय से सटे बांग्लादेश बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल की एक खोजी फीमेल डॉग के गर्भवती होने की खबर से हड़कंप मच गया है। लैल्ली नाम की डॉग ने तीन बच्चों को जन्म दिया है, जिसके बाद से सवाल उठने लगे हैं कि यह डॉग प्रेग्नेंट कैसे हो गई है? इसका पता लगाने के लिए बीएसएफ ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।
तीन पिल्ले को जन्म देने पर हुआ खुलासा
बीएसएफ में तैनात 43वीं बटालियन की फीमेल डॉग ने बीते 5 दिसंबर को सीमा चौकी बाघमारा में तीन बच्चों को जन्म दिया था। जिसके बाद हड़कंप सा मच गया। अब शिलांग स्थित बीएसएफ के क्षेत्रीय मुख्यालय ने इस मामले को लेकर अदालती जांच के आदेश दिया है। इसकी जिम्मेदारी बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अजीत सिंह को दी गई है। उन्हें इस माह के आखिरी तक जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
क्यों मचा हड़कंप?
इस मामले को लेकर लोग इसलिए भी अचंभित हैं क्योंकि खोजी कुत्तों को हमेशा कड़ी निगरानी में रखा जाता है। फिर डॉग के प्रेग्नेंट होनी की घटना पर सवाल खड़ा होना लाजमी है। गौरतलब है कि बीएसएफ समेत अन्य केंद्रीय बलों में खोजी कुत्तों के प्रशिक्षण, प्रजनन, टीकाकरण, आहार व स्वास्थ्य को लेकर काफी सावधानियां बरती जाती हैं। वहीं नियमों के मुताबिक, बीएसएफ के पशु चिकित्सा विंग की सलाह और देखरेख में ही कुत्तों को प्रजनन करने की अनुमति दी जाती है। साथ ही डॉग्स के प्रशिक्षक को उनकी निगरानी में तैनात किया जाता है।
यहां तक कि डॉग के स्वास्थ्य की जांच काफी कम समय के अंतराल पर होती रहती है। बीएसएफ कैंप, बीओपी या फिर किसी अन्य ड्यूटी पर तैनात खोजी कुत्तों को नजर से ओझल नहीं होने दिया जाता है। अगर कुत्ते कैंप या फिर बीओपी में हैं तो वहां कड़े सुरक्षा घेरा में रखा जाता है। यानी कोई भी आवारा कुत्ता घुस नहीं सकता है। उसके बावजूद डॉग के गर्भवती होने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्यों गंभीर है मामला?
इस मामले को इसलिए गंभीर माना जा रहा है क्योंकि अधिकारी इसे काम में लापरवाही के रूप में भी देख रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि रेगुलर चैकअप में कोताही की गई है। क्योंकि, चैकअप हुआ होता तो बच्चों के जन्म से पहले ही डॉग के गर्भवती होने का खुलासा हो जाता। साथ ही इससे ये भी पता चल रहा है कि डॉग्स की निगरानी में भी कहीं न कहीं कमी की गई है। जिसके चलते ऐसा हो सका।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
कुत्तों के विशेषज्ञों की माने तो ज्यादातर नस्लों की फीमेल्स डॉग्स साल में दो बार गर्भवती हो सकती हैं। हालांकि, इसके लिए उनका उम्र 18 महीने का होना चाहिए। वहीं केंद्रीय सुरक्षा बलों में एक बार ही फीमेल्स को गर्भाधारण के लिए तैयार किया जाता है।
Created On :   31 Dec 2022 5:17 PM IST