असम में बाढ़ से मची तबाही, हजारों लोग हुए बेघर, आखिर हर साल राज्य में क्यों बनते हैं ऐसे हालात?

असम में बाढ़ से मची तबाही, हजारों लोग हुए बेघर, आखिर हर साल राज्य में क्यों बनते हैं ऐसे हालात?
  • असम में हर साल बाढ़ आना अब आम बात हो गई है
  • ब्रह्मपुत्र नदी बनती है सबसे बड़ी वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ से हाहाकार मची हुई है। यहां के करीब 500 गांव पानी में डूब चुके हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं कई पुल और सड़कें पानी के तेज बहाव में बह चुकी हैं। जिसके कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है। हजारों एकड़ की खेती वाली जमीन खराब हो चुकी है। यहां के लखीमपुर जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। जहां 22 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ के कारण बेघर हो गए हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक आगामी दो दिनों में राज्य में भारी बारिश हो सकती है। जिसके चलते ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। विभाग ने राज्य की राजधानी गुवाहाटी समेत अन्य जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। जिससे यहां के हालात और भी गंभीर होने के आसार हैं।

आखिर हर साल क्यों बनते हैं ऐसे हालात?

अपने चाय बागानों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध असम में हर साल बाढ़ आना अब आम बात हो गई है। जैसे ही मानसून का सीजन आता है राज्य से बाढ़ की खबरें आने लगती हैं। ऐसा लगता है कि मानसून के जैसे ही बाढ़ का सीजन भी अब असम के लोगों की किस्मत बन चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे हर साल राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाता है। वह क्या वजहें हैं जिसके चलते यहां बाढ़ की स्थिति पैदा होती है।

पहाड़ी इलाकों से आने वाला पानी

असम में बाढ़ आने का सबसे बड़ा कारण यहां ऊंचे क्षेत्रों से आने वाला पानी है। दरअसल असम राज्य नदी घाटी में स्थित है। यहां के कुल क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किलोमीटर में से 56,194 वर्ग किलोमीटर हिस्सा ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में और बाकी का 22,244 वर्ग किलोमीटर बराक नदी घाटी में स्थित है। वहीं यह चारो तरफ से पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है। मानसून के समय इन पहाड़ी क्षेत्रों का पानी बहकर ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सहायक नदियों में आता है जिससे उनका जलस्तर बढ़ता है। इसी वजह से यहां बाढ़ की स्थिति हर साल निर्मित होती है।

इसके अलावा असम जिस नदी घाटी में स्थित है वो U आकार की है। इससे आसपास के ऊंचे क्षेत्रों से आने वाले पानी की निकासी इसी घाटी से होता है, जो यहां बाढ़ की वजह बनता है।

सामान्य से ज्यादा बारिश

असम में बाढ़ का दूसरा बड़ा कारण यहां हर साल सामान्य से ज्यादा बारिश होना है। ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अनुसार, राज्य में हर साल सामान्य से 248 सेमी से 635 सेमी बारिश ज्यादा होती है। वहीं बात करें हर घंटे की तो यहां 40 मिमी बारिश होती है। कई बार तो राज्य में एक दिन में 500 मिमी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। जो कि अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के उत्तर-पूर्वी इलाकों में अत्यधिक बारिश होने के कारण ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियों का जलस्‍तर खतरे के स्‍तर तक पहुंचता है और तबाही की वजह बनता है।

कम आवासीय जगह और बढ़ता जनसंख्या घनत्व

राज्य में बाढ़ आने का एक अन्य कारण यहां लोगों के रहने के लिए पर्याप्त जगह का न होना है। दरअसल, ब्रह्मपुत्र नदी जिस घाटी से होकर गुजरती है, वो बहुत संकरी है। जबकि मैदानी इलाकों में ब्रह्मपुत्र नदी कई किमी तक फैली हुई है। दोनों ओर जंगल हैं और निचले इलाकों में खेती होती है। ऐसे में यहां लोगों के रहने के लिए जगह कम है। जब नदी ऊपरी इलाकों से बहती हुई नीचे की तरफ आती है तो इससे बाढ़ आ जाती है।

इसके अलावा राज्य में जनसंख्या घनत्व का बढ़ना भी बाढ़ का एक बड़ा कारण है, क्योंकि यहां रहने के लिए कम जमीन है वहीं यहां की जनसंख्या साल-दर-साल तेजी से बढ़ रही है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, 1940-41 में राज्य में प्रति किमी में 9 से 29 लोग रहते थे, लेकिन मौजूदा समय में यह आंकड़ा करीब 200 लोग प्रति वर्ग किमी तक पहुंच गया है।

अभी तक उठे कदम नाकाफी!

असम को बाढ़ के कहर से बचाने के लिए अबतक कई कदम उठाए गए हैं। इसके लिए साल 1980 में ब्रह्मपुत्र बोर्ड एक्ट के अंतर्गत एक बोर्ड का गठन किया गया था। इस बोर्ड का काम ब्रह्मपुत्र नदी पर तटबंध बनाना है। इसके जरिए पिछले कुछ दशकों में ब्रह्मपुत्र तटबंधों के निर्माण और उनके रखरखाव पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी राज्य को बाढ़ से बचाने में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है।

Created On :   21 Jun 2023 6:20 PM IST

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