Anti-Sikh riots case: सज्जन कुमार वर्मा को उम्रकैद की सजा मिलने पर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर साधा निशाना, उठाई बर्खास्त करने की मांग

- सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन सिंह वर्मा को हुई सजा
- वीरेंद्र सचदेवा समेत अन्य बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल
- पार्टी से बर्खास्त करने की उठाई मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत के फैसले का बाद भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस से तीखे हमले पूछे।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 1984 का नरसंहार मानवता को शर्मसार करने वाला था। अदालत ने एक मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन कांग्रेस खामोश है।
कांग्रेस ने सिखों के साथ नाइंसाफी की
सचदेवा ने आगे कहा, "मैं कांग्रेस अध्यक्ष से निवेदन करूंगा कि वे जवाब दें कि आज भी क्या मजबूरी है कि सज्जन कुमार को बर्खास्त नहीं कर रहे।" इसी तरह भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस ने सिखों के साथ बेइंसाफी की, जिन लोगों ने सिखों के गले में टायर डालकर आग लगाने का काम किया, कांग्रेस ने उन्हें इनाम देने का काम किया था। अदालत ने जो फैसला दिया है, मैं उसके लिए अदालत का धन्यवाद करता हूं। इस पाप की सजा मिलनी जरूरी थी।
आरोपी को हो फांसी
भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा कि सिख समाज की मांग है कि आरोपी को फांसी होनी चाहिए। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने एसआईटी बनाई। 30 साल तो सज्जन कुमार को जेड प्लस सिक्योरिटी मिल रही थी। जब से पीएम मोदी आए और एसआईटी बनी है, उसके बाद कार्रवाई हुई है। हम पीएम मोदी का पूरे सिख समाज की तरफ से धन्यवाद करते हैं। पंजाब के कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि जिसने भी गलत काम किया हो, उसे सजा मिलनी चाहिए। साल 1984 में पंजाब के लोगों को शहीद किया गया था। हम चाहते हैं आरोपियों को सजा मिले। सज्जन कुमार को सजा मिली, अच्छा हुआ।
बता दें कि साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाने का है। इस दौरान सिखों का नरसंहार हुआ था और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। अदालत ने बीती 12 फरवरी को सज्जन कुमार को दोषी करार दिया था।
Created On :   25 Feb 2025 11:42 PM IST