पाकिस्तान: पेशावर में कोर्ट ने अफगान के 100 संगीतकारों के निर्वासन को सस्पेंड किया
- राजनीतिक शरण चाहने वाले 100 से अधिक अफगान संगीतकार
- पाकिस्तान सरकार को दो माह में निर्णय लेने का मिला निर्देश
- सुरक्षा एजेंसियां दो माह तक कोई कार्रवाई ना करें
डिजिटल डेस्क, पेशावर। पाकिस्तान की पेशावर हाईकोर्ट ने देश में राजनीतिक शरण चाहने वाले 100 से अधिक अफगान संगीतकारों के जबरन निर्वासन को निलंबित कर दिया है। संघीय सरकार को दो महीने में उनके केस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस वकार अहमद की अध्यक्षता वाली बेंच ने हशमतुल्लाह द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मुमताज अहमद और संघीय सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सहायक अटॉर्नी जनरल राहत अली नकवी न्यायालय में पेश हुए।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआी भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक पीएचसी की दो-सदस्यीय बेंच ने शुक्रवार को दलीलें सुनने के बाद केस का निपटारा कर दिया और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दो महीने के दौरान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करें। दो महीने के भीतर निर्णय न होने की स्थिति में अस्थायी रूप से पाकिस्तान में रहने की अनुमति दे सकते हैं।
याचिकाकर्ता हशमतुल्लाह ने कोर्ट के सामने दलील दी कि वे अफगानिस्तान के रहने वाले हैं, लेकिन तालिबान सरकार के सत्ता में आने के बाद अपनी जान को खतरा देखते हुए वे पाकिस्तान चले आए। याचिकाकर्ता का कहना है कि हम पहले ही अपनी आजीविका खो चुके हैं। पाकिस्तान में उन्हें और अधिक उत्पीड़न तथा जबरन निर्वासन की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत, पाकिस्तानी सरकार उन्हें जबरन निर्वासित नहीं कर सकती।
पीठ ने याचिकाओं का निपटारा कर दिया और संघीय सरकार या उसके नामित अधिकारियों को दो महीने के भीतर अफगान संगीतकारों के शरण देने संबंधी आवेदनों पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा गया है कि अफगान संगीतकार संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के पास शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Created On :   11 Jan 2025 5:57 PM IST