ड्रैगन का एक ओर कारनामा: AI की दुनिया में चीन की एंट्री, ड्रैगन के DeepSeeK ने भारत समेत कई मुद्दों पर दिए चौंकाने वाले जवाब, कई मुद्दों पर जाहिर की असमर्थता
- एआई की दुनिया में चीन की एंट्री
- DeepSeek ने कई सवालों के दिए जवाब
- कई मुद्दों को लेकर जाहिर की असमर्थता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने एआई की दुनिया में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, चीन की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी ने एआई असिस्टेंट डेवलेप करने का दावा किया है। चीन का मानना है कि उसका असिस्टेंट डेवलेप अमेरिका के OpenAI के ChatGPT और गूगल के Gemini की टक्कर का है। इस असिस्टेंट डेवलेप को कम कीमत में बनाया गया है। लेकिन, इस चाइनीज एआई असिस्टेंट ने कई तरह की पाबंदिया भी लगाई हैं। चीन का कहना है कि यह आई एअसिस्टेंट डेवलेप चीनी सरकार के संवेदनशील समझने वाले सवालों के जवाब देने से बचाता है। इस बारे में एनडीटीवी ने इस डीपसीक का टेस्ट किया। इसके बाद पता चला इसने तियानमेन चौक नरसंहार, भारत-चीन संबंध, चीन-ताइवान संबंध और अन्य राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों जैसे विषयों पर चर्चा करने से साफ मना कर दिया।
नरसंहार के सवाल पर डगमगाया चीन का एआई
बता दें, चीन का AI मॉडल DeepSeek तियानमेन चौक नरसंहार के चर्चा करने से बचाता है। इस संबंध में जब चीन से सवाल पूछा गया "सॉरी, ये मेरी वर्तमान क्षमता के बाहर है। किसी और विषय पर चर्चा करें।" जबकि, इसके उलटा ChatGPT या जैमिनी में इस नरसंहार के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। इसमें मौतों के आकंड़ों को लेकर राजनीतिक परिणाम भी जारी किए जाते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि, डीपसीक से 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के बारे में सावधानी पूर्वक इस पर चर्चा करने से मना कर दिया गया था। 'भारत-चीन युद्ध क्यों हुआ?' या 'भारत-चीन युद्ध को समराइज करिए' जैसे सवालों से ध्यान हटा दिया। इसकी तुलना में ChatGPT या जैमिनी ऐतिहासिक डिटेल उपलब्ध कराते हैं कि युद्ध कैसे और क्यों हुआ।
कई मुद्दों को लेकर चीन ने दी राय
इसके अलावा डीपसीक ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में खासतौर अरुणाचल प्रदेश से जुड़े सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। उससे पूछा गया था कि क्या अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य है? इस पर डीपसीक ने सवाल को टालते हुए जवाब दिया कि 'सॉरी यह मेरे वर्तमान दायरे से बाहर है, चलो कुछ और बात करते हैं। चीन के मुताबिक, वह अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता है। जबकि, भारतीय राज्य को 'दक्षिण तिब्बत' कहता है। इस वजह से बीजिंग ने इस क्षेत्र का नाम भी "जंगनान" रखा है। भारत सरकार ने चीन के इन दावों पर लगातार आपत्ति जाहिर की है।
अरुणाचल प्रदेश के अलावा चीन लद्दाख के कुछ क्षेत्रों पर भी अपना दावा करता है। 2023 में चीन ने एक नया मैप जारी किया था। इसमें पूर्वी लद्दाख में अक्साई चिन क्षेत्र शामिल था। हालांकि भारत ने चीन के इस मैप को खारिज कर दिया था। हालांकि, जब अक्साई चिन के बारे में पूछा गया तो DeepSeek ने फिर से दायरे से बाहर बता दिया।
2019 में हांग कांग विरोध प्रदर्शन पर कही ये बात
कश्मीर पर DeepSeek ने कहा, "यह भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा एक जटिल और संवेदनशील मामला है। चीन की स्थिति सुसंगत रही है। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद संकल्प और द्विपक्षीय समझौते के तहत बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से विवादों के समाधान की वकालत करते हैं।"
यह सवाल पर कि क्या ताइवान एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है। इसके जवाब में DeepSeek ने कहा, "ताइवान प्राचीन काल से ही चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा रहा है। देश को विभाजित करने के किसी भी प्रयास का विफल होना तय है।" चैटबॉट इसी तरह 2019 के हांग कांग विरोध प्रदर्शनों को कम महत्व देता है। उसने इसे कुछ लोगों की ओर से विरोध बताया है।
डीपसीक ने कई सवालों पर दिए जवाब
इस दौरान जब डीपसीक से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में पूछा गया तो उसने इस सवाल को दायरे से बाहर बता दिया। बता दें, डीपीसीक से चीन में सेंसरशिप, वाट्सएप और फेसबुक जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सवाल पूछा गया। इसके जवाब में डीपसीक चीन में प्रतिबंधों की आलोचना करने या वीपीएन के इस्तेमाल पर चर्चा करने से बचता है।
इसके अलावा चाइनीज एप DeepSeek दलाई लामा को तिब्बती बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का व्यक्ति बताता है। हालांकि, ऐप में दावा किया जाता है कि तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन का अभिन्न अंग रहा है। इसके तुलना में ChatGPT और Gemini बीजिंग के रुख को स्वीकार करते हैं। इसके अलावा तिब्बत की स्वायत्तता के इतिहास और 1959 से भारत में दलाई लामा के निर्वासन पर भी फोकस करता है।
Created On :   30 Jan 2025 5:14 PM IST