कोरोना की दवा पर नया अध्ययन, वैज्ञानिकों को ऐसे व्यक्ति की तलाश जिसे छू भी नहीं सकी महामारी, क्या आप में हैं ऐसे जीन?
- कोरोनो में आप भी बन सकते है स्पेशल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया को परेशान कर दिया अब उसका इलाज आप खुद बन सकते है। इस बात से आप अंचभित जरूर हो रहे होंगे लेकिन ये सच है कि कोरोना महामारी का निदान आप ही हो सकते है। आपके अंदर कोरोना से लड़ने की क्षमता आपको बीमारी की दवा तक बना सकती है। और अन्य लोगों का जीवन बचा सकती है। हाल ही में इस पर एक शोध शुरू हुआ है।
आप कैसे बन सकते हैं दवा?
वैज्ञानिक ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं जिन्होंने कोविड की हर वेव में बीमारी को मात दी हैं। कुछ शर्तें भी तैयार की गईं हैं जिस पर ऐसे व्यक्ति को खरा उतरना होगा जो दावा करता है कि उसे कोविड छू कर भी नहीं गया। शोध के लिए ऐसे किसी व्यक्ति का चुनाव करने से पहले ये देखा जाएगा कि
- क्या वह व्यक्ति कोरोना से बचाव के लिए कुछ अलग विकल्प अपना रहा था?
- क्या वह व्यक्ति लंबे समय तक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नजदीक रहा?
- ऐसे व्यक्ति ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सेनिटाइजर का कितना उपयोग किया?
- ऐसे व्यक्ति लॉकडाउन में कितना समय रहे और सामान्य जीवन में लौटने में कितना समय लिया?
वैज्ञानिक अब ऐसे व्यक्तियों को ढूंढ़ने में लग गए है जिन में कोरोना से लड़ने की क्षमता खुद प्रकृति ने उन्हें दी है। इसे नेचुरल इम्युनोलॉजी कहा जाता है। इससे जुड़े शोध पत्र का नाम भी नेचुरल इम्युनोलॉजी ही रखा गया है। जिसकी वजह से व्यक्ति वायरस संक्रमित हो जाने से बच जाता है। उसमें विषाणु के लक्षण प्रकट नहीं हो पाते। यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ हो तो आप भी कोविड के परमानेंट ट्रीटमेंट का हिस्सा बन सकते है।
अब तक मिले सिर्फ 500
वैज्ञानिक बड़े पैमाने पर ऐसे व्यक्तियों को ढूंढ रहे हैं जो कोविड को इन शर्तों के साथ मात दे चुके हों। ये खोज ब्राजील और ग्रीस में हो चुकी है। ताज्जुब की बात ये है कि इन दोनों देशों में अब तक सिर्फ 500 लोग ही ऐसे मिले हैं जिनकी नेचुरल इम्युनिटी इतनी मजबूत है कि वे कोरोना को मात दे सके। वैज्ञानिकों का लक्ष्य कम से कम ऐसे हजार लोगों को ढूंढना है जो कोरोना से बचे रहे। उनकी जीन स्टडी के बाद वैज्ञानिक प्रतिरोध से जुड़े किसी नतीजे पर पहुंच सकेंगे।
प्रकृति के अनोखे मानव आप
दुनिया के तमाम वैज्ञानिक इस प्रकार के वैश्विक अध्ययन में जुट हुए है औऱ ऐसे लोगों की तलाश करने में लगे है। जिन लोगों के शरीर में जेनेटिक लेवल या किसी अन्य कारणों से वायरस को रोकने की केपेसिटी है। साइंटिस्ट ऐसे स्पेशल लोगों का अध्ययन कर ना केवल इलाज बल्कि वायरस के खिलाफ पैदा हुई इम्युनिटी पॉवर के साथ किसी दूसरे तक वायरस फैलने से रोकने की वजहों का भी मालूम कर सकते है। इस अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में भारतीय वैज्ञानिक सुनील आहूजा भी शामिल है। आहूजा टेक्सास यूनिवर्सिटी के हेल्थ साइंस सेंटर में संक्रामक रोगों के इलाज के विशेषज्ञ हैं। इस स्टडी से जुड़ी वैज्ञानिक इसाबेल मेट्स का कहना है कि इस स्टडी में कितनी कामयाबी मिलेगी ये कहा नहीं जा सकता. एक अन्य वैज्ञानिक एवेंजलोस एंड्रिकोस के मुताबिक एक भी ऐसा व्यक्ति मिला जो अध्ययन के सभी पैमानों पर खरा उतरा तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी।
Created On :   3 Nov 2021 12:39 PM IST