वर्ल्ड मलेरिया डे 2019: भारत में 69 फीसदी मौत मलेरिया से, ऐसे करें बचाव

World Malaria Day 2019: Are You Prepared To Defeat Malaria Disease
वर्ल्ड मलेरिया डे 2019: भारत में 69 फीसदी मौत मलेरिया से, ऐसे करें बचाव
वर्ल्ड मलेरिया डे 2019: भारत में 69 फीसदी मौत मलेरिया से, ऐसे करें बचाव

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। मौसम बदलते ही मच्छरों का आना शुरु हो जाता है। ऐसे में डर लगा रहता है कि कही वे काट न लें। अगर वे गलती से काट लेते हैं तो मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती हैं। इस बीमारी से होने वाली मौतों में भारत चौथे स्थान पर है। मलेरिया के इसी खतरे से बचने के लिए हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस विषय पर चर्चा की जाती है कि मलेरिया को कैसे हराया जा सकता है। हर साल इस दिन के लिए खास थीम का आयोजन किया जाता है। इस बार की थीम है,"मलेरिया को हराने के लिए रहें तैयार"। 

मलेरिया प्लाज्मोडियम पैरासाइट से होता है जो कि मादा अनॉफिलीज के काटने से फैलता है, इसे मलेरिया का वेक्टर कहते हैं। अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां मच्छर ज्यादा तो बेहतर आप सावधान रहें। अगर मलेरिया का शक हो तो तुरंत जांच और इलाज करवाएं। मलेरिया की पहचान जल्द होने पर रिकवरी तेजी से हो सकती है। 

जानें मलेरिया के लक्षण 
यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। इसके बाद मलेरिया पैरासाइट संक्रमित व्यक्ति लिवर में बढ़ता है और उनकी ब्लड सेल्स को नष्ट करने लगता है। मलेरिया के लक्षण फ्लू के लक्षणों से मिलते हैं। अगर आपको इन लक्ष्णों में से कोई भी एक लक्ष्ण दिखाई दे तो तुरंत जांच करवाएं।  

- जुकाम और कपकपी 
- बुखार, सिरदर्द और उल्टी 
- फीवर कम होने पर तेज पसीना और थकान 
- डायरिया 
(मलेरिया के ये कॉमन लक्षण हैं, किसी और बीमारी के लक्षण भी इससे मिलते-जुलते हो सकते हैं।

मलेरिया से बचाव 

- घर की दीवारों पर पर इनसेक्टीसाइड डालें। 
- घर में प्रेग्नेंट महिलाएं या बच्चे हैं तो खासकर मच्छरदानी में सोएं। 
- सुबह और शाम के वक्त खासतौर पर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और शरीर को ढंककर रखें। 

भारत में 69 फीसद मौत मलेरिया से
एक तरफ जहां मालदीव और श्रीलंका जैसे देश मलेरिया फ्री हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत में 69 फीसद मौतें मलेरिया से होती हैं। इस बीमारी के बारे में भारत के डॉक्टरों का कहना है कि हमारे पास प्लान की कमी है। हम लोग किसी ​बीमारी के प्रति तब सचेत होते हैं, जब वह बढ़ चुकी होती है।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) ने विश्व मलेरिया दिवस पर सदस्य देशों से उनके राष्ट्रीय मलेरिया कार्यक्रम की आदिवासी, प्रवासी या घुमंतू आबादी सहित वंचित या उपेक्षित समुदायों तक पहुंच बढ़ाने की अपील की ताकि साल 2030 तक इस बीमारी का समूल उन्मूलन किया जा सके। हालांकि 2017 में जारी हुई वर्ल्ड मलेरिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल तक के बच्चों में मलेरिया की वजह से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में यह संख्या 4,40,000 थी जबकि 2016 में घटकर 2,85,000 हो गई। 

Created On :   25 April 2019 1:47 PM IST

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