नवरात्रि में इसलिए किया जाता है प्याज लहसुन से तौबा, ये है कारण
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि नवरात्रि में प्याज और लहसुन नहीं खाया जाता। साथ ही इन दिनों सादे नमक की जगह सेंधा नमक उपयोग किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों किया जाता है। इसके पीछे कई सारी वजह है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक तर्क दिए गए हैं।
प्याज और लहसुन से बना भोजन पचने में बहुत समय लेता है और साथ ही हमारे शरीर को सुस्त बनाता है। क्योंकि यह तामसिक भोजन के अंतर्गत आता है। खासकर अंडा, मांस, मछली और सभी तरह के ऐसे भोजन या तरल पदार्थ जिससे नशा होता हो वे सभी इस कैटेगरी में शामिल हैं। इसके अलावा रात का बचा हुआ बासी खाना भी तामसिक खाना ही माना जाता है। इस वजह से इस तरह के खाने को खाने से बचना चाहिए।
वहीं आयुर्वेदिक विज्ञान कहता है कि इन दिनों अंडा, मांस, अनाज, एल्कोहल, प्याज और लहुसन जैसी चीजों का सेवन करने से हमारा शरीर नकारात्मक शक्तियों को अवशोषित करने लगता है। मौसम की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और हम जल्दी बीमार हो जाते हैं।
आध्यात्मिक मत तर्क के अनुसार कहा जाता है कि 9 दिन माता के व्रत रखने से तन और मन को शक्ति मिलती है। साथ ही आध्यात्मिक शुद्धिकरण भी होता है। कहा जाता है कि जो लोग इन खास दिनों में व्रत छोड़कर फलाहार करते हैं वो आध्यात्मिक रूप से खुद को ईश्वर के करीब महसूस करते हैं।
नवरात्र में प्याज और लहसुन का सेवन न करने के पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि हिंदू धर्म में एल्कोहल और मांसाहार का सेवन करना इन खास दिनों में बुरा माना जाता है। जिसके पीछे का वैज्ञानिक मत कहता है कि नवरात्र साल में दो बार मनाए जाते हैं। इस दौरान मौसम का मिजाज बदल रहा होता है इसलिए आपके आहार में इन चाजों का सेवन करने से आपकी सेहत खराब हो सकती है।
Created On :   2 Oct 2019 6:15 AM GMT