मानसिक स्वास्थ के लिए अमृत  है पेट्स(पालतू जानवर)

The nectar for mental health is pet (pets)
मानसिक स्वास्थ के लिए अमृत  है पेट्स(पालतू जानवर)
पेट्स है मददगार मानसिक स्वास्थ के लिए अमृत  है पेट्स(पालतू जानवर)

डिजिटल डेस्क,भोपाल। रोजमर्रा के जीवन में तथा आजकल की व्यस्त दिनचर्या में तनाव /अवसाद/मानसिक थकान होना बहुत ही कॉमन समस्या हो गया है ।।ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने घर में पेट पालता है तो पेट्स ना केवल खुशहाली का माहौल देते बल्कि कई प्रकार की मानसिक समस्याओं को पनपने से रोक सकते है।।

 निम्न कारणों के लिए लाभदायक है पेट्स :

 घर में खुशहाली का वातावरण लाते है पेट्स

 अकेलेपन को दूर करते है पेट्स 

  घर से बाहर निकलने का बहाना हैं पैट्स : एक्सरसाइज और सोशलाइज करने का बहाना है पैट्स।

 स्वास्थ के लिए लाभदायक है पैट्स: बीपी कम करने में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कम करते हैं पैट्स।

 बच्चो के लिए प्लेइंग बडी(जिगरी दोस्त) का काम करते है। 
जैसा कि देखा गया है कि जैसे जैसे  आजकल बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर बढ़ रहा है  ऐसे में बच्चे अगर थोड़ा समय पेट्स के साथ गुजरते है तो बस ना केवल उनका पढ़ाई का प्रेशर कम करते है बल्कि अपनी मासूमियत और लाड़ दुलार से बच्चों में पनप रहे डिप्रेशन/एंजाइटी डिसऑर्डर/बिहेवियर डिसऑर्डर/ए डी एच डी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरटेंनसिव डिसऑर्डर)/ऑटिज्म/अग्रेशन/आई ई डी (इंपल्स एक्सप्लोसिव डिसऑर्डर)/डी एम डी डी( डिसरप्टिब मूड डिसरेगूलेशन डिसऑर्डर), ओडीडी(अपोजिशनल डेफिएन्ट डिसऑर्डर), सी डी(कंडक्ट डिसोर्डर) जैसे कई घातक मानसिक बीमारियों से बचने में कारगर है 

 सोशल मीडिया से दूर रखने में मददगार है पेट : पेट्स के साथ बिताया गया समय अपने आप में एक कंप्लीट फन है मानसिक हैप्पीनेस के लिए जरूरी हैं।

 यूथ यानी युवा जो की समाज का 66% हिस्सा है : आजकल युवाओं में इंटरनेट का प्रयोग बड़ रहा है सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर,वॉट्सएप)का प्रयोग यह तक की कोविड काल के बाद से वर्क फ्रॉम होम का चलन ट्रेंड मै है ,ऑनलाइन मीटिंग्स,ऑनलाइन स्टडीज भी बहुत ज्यादा  चलन मै है जिसकारण आज का युवा कहीं ना कहीं समाज एवम अपने पीर ग्रुुप से कटता हुआ नजर आता है ऐसे में अकेलापन, स्ट्रेस एंजाइटी/डिप्रैशन/एग्रेशन जैसी समस्याएं बहुत कॉमन हैं जिससे लगने मै मददगार है पेट।

*वृद्धावस्था के बहुमूल्य साथी है पेट्स : एक उम्र के बाद जब बच्चे बड़े हो कर अपने कामों में व्यस्त हो जाते है एवम अपने काम के लिए दूसरे शहरों में शिफ्ट हो रहे हैं ऐसे मै कहीं ना कहीं अकेलापन हाबी होना एक कॉमन समस्या है ऐसे मै पेट का निस्वार्थ प्यार वृद्धावस्था में होने वाली मानसिक बीमारियों जैसे डिमेंशिया/अमनेशिया /साइकोसिस/आइसोलेशन/ओ सी डी(ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर ) के बचाव और निदान दोनों में मददगार साबित हुए है।

महिलाओं के बेस्ट फ्रेंड्स है पेट्स: हाउसवाइफ हो या वर्किंग वूमेन दोनों के लिए एक प्यारे दोस्त एवम स्ट्रेस बस्टर का काम करते है पेट्स। गृहणियां जब सुबह शाम की दिनचर्या से थोड़ा समय निकलती है तब पेटस से मिला अपनापन और लाड़ प्यार एक अलग से अपनेपन का ऐहसास दिलाता है।
चाहे बच्चे हो या युवा,बड़े हो या वृद्ध,महिला हो या पुरुष सबके लिए अमृत है पैट्स।।

 भवदीय ,
 डॉ भावना राय पटेल
Gynaecologist mother and baby care center-Bhopal)/counselor/ psychologist 

Created On :   6 Oct 2022 3:18 PM IST

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