इसरो के रियूजेबल रॉकेट मिशन ने स्वदेशी तकनीक में सफलता हासिल की

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
खुशी से झूम उठा इसरो के रियूजेबल रॉकेट मिशन ने स्वदेशी तकनीक में सफलता हासिल की
हाईलाइट
  • मिशनों का हिस्सा

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारत अपने रियूजेबल लॉन्च वाहन या रियूजेबल रॉकेट को प्राप्त करने में एक कदम आगे बढ़ा है, इसके साथ ही देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने रियूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनोमस लैंडिंग मिशन (आरएलवी एलईएक्स) को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस अनूठी उपलब्धि पर पूरा देश खुशी से झूम उठा।

तमिलनाडु के सलेम में सोनास्पीड टीम की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था कि इसकी 25 किलोवॉट क्वाड्रप्लेक्स ब्रशलेस डीसी मोटर का उपयोग आरएलवी एलईएक्स को 4.5 किमी की ऊंचाई तक उठाने और स्वायत्त लैंडिंग के लिए हेलीकॉप्टर हॉइस्ट में एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर), कर्नाटक के चित्रदुर्ग में तड़के 2 अप्रैल को किया गया।

सोना स्पीड, सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर एन कन्नन ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की टीम मिशन क्रिटिकल एप्लीकेशंस के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास और वितरण के लिए प्रतिबद्ध है।

दुनिया में पहली बार, एक पंख वाली बॉडी को एक हेलीकॉप्टर द्वारा 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया और रनवे पर लैंडिंग करने के लिए छोड़ा गया। सोनास्पीड मोटर्स भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कई प्रमुख मिशनों का हिस्सा रही हैं।

वी टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और सीईओ, प्रौद्योगिकी और आईटी फर्म चोको वल्लियप्पा ने कहा, इसरो के स्वदेशी लैंडिंग गियर में सोनास्पीड ब्रशलेस डीसी मोटर्स की सफल तैनाती मेक इन इंडिया मिशन के आगमन को चिह्न्ति करती है।

उन्होंने कहा, इस स्वदेशी तकनीक तक पहुंच वी टेक्नोलॉजीज के मोटर डिवीजन को भारत के रक्षा क्षेत्र में अधिक आत्मविश्वास के साथ भाग लेने के लिए प्रेरित करती है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   4 April 2023 11:30 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story