लोगों में बढ़ रहा सफेद, लाल, ब्राउन और ब्लैक राइस खाने का क्रेज, जानिए उनके बीच अंतर और फायदे
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। भारतीय व्यंजन थाली में जब तक चावल शामिल नहीं हो तब तक वह थाली कम्लीट नहीं कहलाती। घर में कोई न कोई इंसान ऐसा होता ही है, जो चावल का शौकीन होता है। यह बहुत ही कम समय में बनने वाली स्वादिष्ट रेसिपी है। साथ ही यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। भारत में तरह तरह की चावल की वैरायटी मौजूद है, जिनमें लाल, सफेद, काले और ब्राउन राइस शामिल हैं। डाइट प्लानर भी आपकी डाइट के हिसाब से अलग अलग तरह के चावल खाने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन चावलों में क्या अंतर है? अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं इन चावलों में अंतर और इसके फायदों के बारे में।
इसलिए है चावल सेहत के लिए फायदेमंद
चावल को लेकर लोगों का अलग अलग तर्क है। जैसे आमतौर पर लोगों का मानना है कि चावल खाने से मोटापे का शिकार होते हैं। लेकिन डायटिशियन फैट बर्न करने के लिए चावल खाने की सलाह देते हैं। बस आपको यह पता लगाना है आप पूरे दिन में कितना व्यायाम करते है और उस अनुसार आपको कितने चावल खाने की जरुरत है। यदि आप अधिक शारीरिक गतिविधि करते हैं तो आपको चावल का सेवन जरूर करना चाहिए। चावल खाने के बाद व्यायाम पर ध्यान नहीं देते तो आपको मोटापे का सामना करना पड़ेगा।
चावल में पाएं जाते हैं कई पोषक तत्व
चावल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। 100 ग्राम ब्राउन चावल में 77 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, सफेद चावल में 79, काले चावल में 72 और लाल चावल में 68 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके साथ ही चावल में लोहा, मैग्नीशियम, विटामिन बी और फाइबर पाया जाता है। यह सभी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। जानते हैं विभिन्न चावलों में फर्क क्या है।
लाल, सफेद और ब्राउन राइस की तरह की काले राइस भी लोग बहुत पसंद करते हैं। 100 ग्राम काले चावल में 4.5 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह बहुत ही धीमी गति में रिलीज होते है और पचने में अधिक समय लेते है। इन्हें न केवल खाने बल्कि सलाद की तरह भी खाया जा सकता है।
फिटनेस के चलते वर्तमान में लोगों में लाल राइस का क्रेज बढ़ गया है। इसमें एंथोसायनिन होता है जिस कारण यह काफी पौष्टिक होते है। बिना पके हुए 100 ग्राम चावल में 360 कैलोरी और 6.2 ग्राम फाइबर होता है। इस राइस में ब्राउन राइस से भी ज्यादा फाइबर पाया जाता है।
ब्राउन राइस मैग्नीशियम, लोहा और फाइबर का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसकी पहली परत भूसी को हटा दिया जाता है, लेकिन चोकर और रोगाणु की परत होती है। इस वजह से यह काफी हेल्दी होते हैं। बता दें 100 ग्राम ब्राउन राइस में 3.1 ग्राम फाइबर होता है।
जब चावल के उपर लगी भूसी, चोकर और रोगाणु की परत को हटा दिया जाता है, तब वह सफेद चावल हो जाता है। इस वजह से इसके पोषक तत्व अन्य चावलों की तुलना में कम हो जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है। फाइबर कम होने के कारण इसे खाने के बाद भी जल्दी भूख लग जाती है। सफेद चावल में कई तरह की किस्में पाई जाती है। इसमें आप चमेली किस्म को छोड़ कर बासमती चावल का चुनाव कर सकते है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते है। ज्यादातर लोग सफेद चावल ही खाना ही पसंद करते हैं।
Created On :   28 Nov 2019 4:51 AM GMT