Coronavirus Lockdown Thoughts: कोरोना से जंग, करुणा के  संग

Coronavirus Lockdown Thoughts: Fighting with Coronavirus, with compassion
Coronavirus Lockdown Thoughts: कोरोना से जंग, करुणा के  संग
Coronavirus Lockdown Thoughts: कोरोना से जंग, करुणा के  संग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना से जंग, करुणा के  संग, जी हां क्योंकि इस जंग में आपका दुश्मन अदृश्य है सिर्फ और सिर्फ आप अपनी सावधानी, जागरूकता एवं करुणा के साथ जीत सकते हैं । आइए जानने  की कोशिश करें किस तरह से करुणामई व्यवहार आपको इस जंग में जीतने में मदद कर सकता है । सर्वप्रथम हमें करुणा या दया की भावना स्वयं के प्रति, अपने परिवार के प्रति एवं उन सभी योद्धाओं के प्रति रखना है जो युद्ध में अपनी स्वयं की परवाह ना करते हुए दूसरों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं एवं पूरे भारतवर्ष में लॉक डाउन  की परिस्थिति को सुचारु रुप से लागू करने में अपनी जान जोखिम में डाले हुए हैं ।

करुणायुक्त व्यक्तित्व क्या है? 

  • क्या आप दूसरों के प्रति दया की भावना रखते हैं? 
  • क्या आपको दूसरों की मदद करने में खुशी मिलती है? 
  • क्या आप विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को दूसरों के स्थान पर रखकर स्थिति का आंकलन  करने का प्रयास करते हैं? 
  • क्या आप कई बार स्वयं से ऊपर उठ कर, जो लोग आपकी या आपके परिवार की मदद करते हैं उनके बारे में सोचते हैं?
  • यदि उपरोक्त सभी सवालों का जवाब हां है तो निश्चित ही आपका व्यक्तित्व करुणा से भरपूर है ।

यह कैसे आपकी मदद करती है ?

  • करुणा एक सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर भावना है । 
  • दूसरों की पति करुणा रखने से आपका मानसिक तनाव एवं वैमनस्य की भावना कम हो जाती है । 
  • करुणा युक्त व्यक्तित्व धीरे धीरे सहज, स्वाभाविक एवं हंसमुख हो जाता है। 
  • मनोवैज्ञानिकों के अनुसार दयालुता आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है एवं रक्त संचार को भी नियंत्रित करने में मदद करता है । 
  • इस समय जब हर तरफ से नकारात्मक खबरें आपको परेशान कर रही है करुणा की भावना इस नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करती है। 
  • करुणा की भावना आपको आपके परिवार से एवं आपके परिवार को समाज से एवं समाज को राष्ट्र से जोड़ने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है ।
  • करुणा एवं कृतज्ञता की भावना आपको क्रोध एवं अहंकार से दूर रखती है ।
     

कैसे लड़ें यह जंग करुणा के संग? 

  • अगर आप स्वयं से प्रेम करते हैं एवं अपने प्रति दया का भाव रखते हैं तो आप जब तक आपातकाल की स्थिति ना हो जाए, आप घर से बाहर नहीं निकलेंगे ।
  • अगर आप अपने घर के बुजुर्गों के प्रति दया एवं आदर का भाव रखते हैं, तो नाही आप स्वयं ऐसा कोई कदम उठाएंगे जिससे आप संक्रमित हो या उनके संक्रमण के खतरे की संभावना बने । 
  • हमें कृतज्ञ होना चाहिए स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए उन सभी लोगों का जो संकट की घड़ी में दूसरों का जीवन बचाने की कोशिश कर रहे हैं एवं जिस तरह से भी हो सके प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हमें उनकी मदद करने की कोशिश करना चाहिए। 
  • हमें कृतज्ञ होना चाहिए प्रशासनिक सेवा में लगे हुए सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के प्रति जो इस समय आपके लिए एक सुरक्षित वातावरण निर्मित करने में 24 घंटे लगे हुए हैं । 
  • आपकी एक छोटी सी गलत जानकारी एवं उसका प्रचार मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बहुत घातक हो सकता है कृपया ऐसे लोगों के प्रति संवेदना रखें और किसी भी प्रकार के भ्रामक संदेश को फैलने से रोक है । 
  • एक तरफ जहां हमें कोरोना के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ना है दूसरी तरफ हम एक ऐसी श्रंखला निर्मित करें जोकि करुणा के धागे से बनी हुई हो , और यह तभी संभव है जब हम पूरे भारतवर्ष को एक परिवार की तरह देखें ।

 

हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उन सभी परिवारों से करुणा पूर्वक अपील की है कि जो सक्षम है कृपया कम से कम 9 अन्य परिवारों की मदद करें ,जो इस संकट की घड़ी में अपना दो वक्त का खाना जुटाने में भी असमर्थ है । अंत में 130 करोड़ लोगों का यह परिवार कोरोना की जंग निश्चित तौर पर करुणा के संग जीत सकता है ।

धन्यवाद
पंकज राय
(अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर ,लेखकएवं मनोवैज्ञानिक )
M  +919407843111

Created On :   30 March 2020 8:19 PM IST

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