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जियो ने की टैरिफ बढ़ाने की घोषणा, सभी प्लान्स हो जाएंगे 40% तक महंगे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिलायंस जियो मोबाइल सेवाओं की दरों में 6 दिसंबर से 40% तक की बढ़ोतरी करने जा रहा है। रविवार को इसकी घोषणा की गई। हालांकि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ग्राहकों को नई योजनाओं के तहत 300 प्रतिशत तक अधिक लाभ देगी और यह अन्य दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क पर अपने ग्राहकों से आउटगोइंग कॉल के लिए फेयर यूजेज पॉलिसी की पेशकश करेगी। इससे पहले टेलीकॉम ऑपरेटर भारती एयरटेल ने भी अपने नए प्लान की घोषणा की जिसके तहत 3 दिसंबर से प्री-पेड ग्राहकों के लिए कॉल और डेटा शुल्क 42 प्रतिशत तक महंगा होगा।
जियो कंपनी ने अपने बयान में कहा, "जियो में अनलिमिटेड वॉयस और डेटा के साथ नए "ऑल इन वन" प्लान पेश किए जाएंगे। इन प्लानों में अन्य मोबाइल नेटवर्क पर कॉल के लिए फेयर यूजेज पॉलिसी होगी। नए प्लानों की कीमत 40 प्रतिशत अधिक होगी। हालांकि "कस्टमर फर्स्ट" के अपने वादे पर खरा उतरते हुए, जियो ग्राहकों को 300 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलेगा।" कंपनी ने कहा, "ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखने के साथ जियो भारतीय दूरसंचार उद्योग को बनाए रखने में मदद करने के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठाएगा। जियो दूरसंचार शुल्क के संशोधन के लिए परामर्श प्रक्रिया पर सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा और अन्य हितधारकों से भी इसके लिए आगे आने की अपेक्षा करेगा।
इससे पहले रिलायंस जियो ने एक बयान में कहा था, "मीडिया रिपोर्ट्स में जैसा कहा जा रहा है, हम समझते हैं कि TRAI टेलीकॉम टैरिफ को लेकर कंसल्टेशन प्रोसेस शुरू करने वाला है। अन्य ऑपरेटरों की तरह, हम भी सरकार के साथ काम करेंगे और रेग्यूलेटरी रिजीम को मजबूत करेंगे ताकि भारतीय कस्टमर्स के फायदे के लिए इंडस्ट्री मजबूत हो सके। इसके मद्देनजर अगले कुछ हफ्तों में हम टैरिफ में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं।
बता दें कि दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया ने 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नुकसान दर्ज किया। यह किसी भी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा क्वाटर्ली नुकसान है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
नतीजों के बाद कंपनी ने अपने आप को बाजार में बनाए रखने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अब वह सरकार की राहत पर निर्भर है। नतीजों के एक दिन पहले आदित्य बिड़ला समूह ने कहा था कि अगर सरकार समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी पर बड़ी राहत नहीं देती, तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेगी।
इस तिमाही एयरटेल को भी झटका लगा है। गुरुवार को जारी नतीजों के मुताबिक एयरटेल को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। एयरटेल को भी AGR की वजह से इस तिमाही में तेज झटका लगा है। उसे AGR कुल 28,450 करोड़ रुपये चुकाने हैं।
सुप्रीम कोर्ट का एजीआर पर फैसला पिछले महीने आया था। सरकार का पक्ष यह था कि टेलीकॉम कंपनियों की सालाना एजीआर की गणना करने में गैर टेलीकॉम कारोबार से होने वाली आय को भी जोड़ा जाए।
कोर्ट ने सरकार के पक्ष को मंजूरी दी थी। सालाना एजीआर के ही एक हिस्से का भुगतान टेलीकॉम कंपनी लाइसेंस और स्पेकट्रम शुल्क के रूप में करती है। इस फैसले का सबसे बुरा असर वोडाफोन इंडिया लिमिटेड पर पड़ा।
Created On :   1 Dec 2019 8:55 PM IST