Shabari Jayanti 2025: जानिए क्यों मनाई जाती है शबरी जयंती, क्या है पूजा की विधि और मुहूर्त

जानिए क्यों मनाई जाती है शबरी जयंती, क्या है पूजा की विधि और मुहूर्त
  • शबरी जयंती 20 फरवरी, गुरुवार को मनाई जा रही है
  • त्रेता युग में इसी दिन श्रीराम का मिलन माता शबरी से
  • भक्ति और मोक्ष का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती (Shabari Jayanti) मनाई जाती है। इस दिन लोग माता शबरी की पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं। बता दें कि, शबरी की कथा रामायण में विस्तार से मिलती है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन व्रत और पूजन करने से जीवन के दुख दूर होते हैं और जीवन सुखमय होता है। इस वर्ष शबरी जयंती 20 फरवरी 2025, गुरुवार को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं क्यों मनाई जाती है शबरी जयंती और क्या है पूजा विधि....

शबरी जयंती की तिथि

सप्तमी तिथि आरंभ: 19 फरवरी 2025, बुधवार की सुबह 7 बजकर 32 मिनट से

सप्तमी तिथि समापन: 20 फरवरी 2025, गुरुवार की सुबह 9 बजकर 58 मिनट तक

क्यों मनाई जाती है शबरी जयंती

पुराणों के अनुसार, त्रेता युग में फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी को भगवान श्रीराम की मुलाकात शबरी से हुई थी। इस अवसर पर माता ने आश्रम में भगवान श्रीराम को स्वागत सत्कार में जूठे बेर खिलाए थे। इसके बाद भगवान श्री राम की कृपा से माता शबरी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। तभी से शबरी जयंती के पर्व को भक्ति और मोक्ष का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

पूजा विधि

- शबरी जयंती पर पूजा के लिए सबसे पहले घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।

- इसके बाद भगवान श्रीराम और माता शबरी को स्मरण कर नमस्कार करें।

- अब भगवान श्रीराम और माता शबरी को फल, फूल, दूर्वा, सिंदूर, अक्षत अर्पित करें।

- धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं और विधि विधान से पूजा करें।

- शबरी माता और भगवान श्रीराम को प्रसाद में बेर अवश्य भेंट करें।

- इसके बाद आरती और अपने परिवार के कुशल मंगल की कामना करें।

- दिन भर उपवास रखें और संध्याकाल में आरती अर्चना करने के पश्चात फलाहार करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   19 Feb 2025 11:14 PM IST

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