Phulera Dooj 2025: इस विधि से करें राधा-कृष्ण की पूजा, जानिए क्या है फुलैरा दूज का म​हत्व

इस विधि से करें राधा-कृष्ण की पूजा, जानिए क्या है फुलैरा दूज का म​हत्व
  • यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है
  • इस दिन फूलों से होली खेली जाने की परंपरा है
  • राधे कृष्ण की विधि विधान से पूजा की जाती है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलैरा दूज (Phulera Dooj) मनाई जाती है, जो कि इस वर्ष 01 मार्च 2025 यानी कि आज है। यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है और इस दिन फूलों से होली खेली जाती है। इस दिन राधे कृष्ण की विधि विधान से पूजा की जाती है। यह फाल्गुन मास का सबसे शुभ दिन भी माना गया है।

यहां बता दें कि, फुलैरा दूज से ही होली के पर्व की शुरुआत भी मानी जाती है। यह पर्व मध्य, उत्तर और पश्चिम भारत में मुख्य रूप से मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा विधि...

महत्व

फुलैरा दूज के दिन आपसी प्रेम बढ़ाने के लिए राधा-कृष्ण जी का पूजन किया जाता है। इस दूज से कृष्ण मंदिरों में फाल्गुन का रंग चढ़ने लगता है। इस दिन जो भक्त कृष्ण भक्ति करते हैं उनके जीवन में प्रेम की वर्षा होती है। इस पर्व का दूसरा महत्व विवाह को लेकर है। होली से लगभग पंद्रह दिन पहले से शादियों का मुहूर्त समाप्त हो जाता है। फुलैरा दूज के बाद से होली तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। फुलैरा दूज को अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है।

इस विधि से करें पूजा

- एक वेदी पर राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

- गंगाजल, गुलाब जल, फूल या पंचामृत से स्नान कराएं।

- विभिन्न तरह के फूल व गुलाल अर्पित करें।

- धूप बत्ती और घी का दीया जलाएं।

- इसके बाद फल और मिष्ठान जैसे पंजीरी, पंचामृत, खोया की बर्फी, चावल की खीर का भोग लगाएं।

- ध्यान रहे भोग में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।

- राधा-कृष्ण की आरती करें और फिर प्रसाद वितरित करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   1 March 2025 8:13 PM IST

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