व्रत: वैशाख अमावस्या आज, लॉकडाउन में करें ये काम मिलेगा पुण्य
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि को बेहद ही पवित्र माना जाता है। वहीं वैशाख अमावस्या का महत्व अलग ही है, जो कि इस बार 22 अप्रैल 2020 बुधवार को है। मान्यता है कि इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था इस कारण वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह धर्म-कर्म, स्नान-दान, तर्पण आदि के लिए बहुत ही शुभ होती है।
आपको बता दें कि अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठें। सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म, दान पुण्य के कार्य करना और पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। पितृ दोष और कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या के महत्व और पूजा विधि के बारे में...
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तिथि समय
वैशाख अमावस्या तिथि प्रारंभ: 22 अप्रैल बुधवार, सुबह करीब 5:25 से
वैशाख अमावस्या तिथि समापन: 23 अप्रैल गुरुवार, सुबह करीब 8 बजे
पूजा विधि
- वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
- नित्यकर्म से निवृत होकर पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान करना चाहिए।
- इस दिन पवित्र सरोवरों (तालाब) में भी स्नान किया जाना चाहिए।
- गंगा यमुना नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
- पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें।
- अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए।
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लॉकडाउन में करें ये काम
चूंकि इन तिथियों में हमेशा सभी लोग घर से बाहर नहीं जा पाते हैं। वहीं इस वर्ष लॉकडाउन होने के कारण लोग घर से नहीं निकल सकेंगे। ऐसे में अपने घर में ही वैशाख अमावस्या का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आप नहाने के जल में नर्मदा, गंगा आदि किसी भी पवित्र नदी का जल मिला लें। इसी के साथ जल में थोड़े से तिल भी डाल लें। इस जल से स्नान करते हुए 7 पवित्र नदियों, गंगा, युमना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी को प्रणाम करें। इससे आपको पवित्र सरोवर में स्नान किए हुए के बराबर फल मिलेगा।
Created On :   21 April 2020 3:04 PM IST